रूस की सिक्योरिटी एजेंसी को आशंका डर्टी बम का होगा इस्तेमाल

मास्को। रूस को डर है कि यूक्रेन उसके कुस्र्क और जेपोरोझी न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला कर सकता है। रूस की सिक्योरिटी एजेंसी को आशंका है कि यूक्रेन ऐसे हथियारों…

रूस की सिक्योरिटी एजेंसी को आशंका डर्टी बम का होगा इस्तेमाल

मास्को। रूस को डर है कि यूक्रेन उसके कुस्र्क और जेपोरोझी न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमला कर सकता है। रूस की सिक्योरिटी एजेंसी को आशंका है कि यूक्रेन ऐसे हथियारों का इस्तेमाल करेगा, जिसका वॉरहेड रेडियोएक्टिव हो सकता है। अगर ऐसे हथियार का इस्तेमाल न्यूक्लियर पावर प्लांट्स पर किया गया तो भयानक तबाही मचेगी। रूस के डिफेंस अधिकारियों ने कहा कि यूक्रेन के देनप्रोपेट्रोवस्क इलाके के झोल्तिए वोदी में ये हथियार पहुंच गए हैं। यह जानकारी रूसी सिक्योरिटी अधिकारियों ने स्पुतनिक मीडिया संस्थान को बताया। खारकोव इलाके में मिलिट्री-सिविल एडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि यूक्रेन रूसी न्यूक्लियर फैसिलिटी को उड़ा सकता है।
उधर, यूक्रेन का दावा है कि रूसी खुद सेल्फ फायरिंग करेंगे और मामले को बढ़ावा देंगे। रूस ने यह दावा किया है कि उसे यह जानकारी पकड़े गए यूक्रेनी युद्धबंदियों से मिली है। यूक्रेन द्वारा न्यूक्लियर पावर प्लांट पर हमले की प्लानिंग पश्चिमी देशों की है। इसमें ब्रिटेन मुख्यत: शामिल है। प्रो-रूसी लीडर सर्गेई लेबेदेव ने कहा कि सुमी और जेपोरोझी इलाके में कई पश्चिमी देशों के मीडिया पर्सनल पहुंच चुके हैं। ताकि हमले को लाइव कवर कर सकें।
आशंका जताई जा रही है कि यूक्रेन अब डर्टी बम  का इस्तेमाल करेगा। इन डर्टी बमों का इस्तेमाल कुस्र्क और जेपोरोझी न्यूक्लियर पावर प्लांट पर ही किया जाएगा। डर्टी बम का मतलब होता है ऐसा हथियार जिसमें रेडियोएक्टिव पदार्थ मौजूद हों लेकिन वो पूरी तरह से न्यूक्लियर बम नहीं होता। यानी परमाणु बम। इस बात की जानकारी रूसी की इंटेलिजेंस एजेंसी ने भी दी है कि नाटो और यूक्रेन मिलकर डर्टी बम का इस्तेमाल करना चाहते हैं। हालांकि इसे लेकर अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है, कि इस तरह के हथियार का इस्तेमाल होगा या नहीं। ये खबरें सिर्फ चल रही हैं। लेकिन इसकी वजह से यूक्रेन, रूस और यूरोप में डर का माहौल बना हुआ है।
दूसरी तरफ रूस ने इन खबरों के बीच अपनी न्यूक्लियर मिसाइल फोर्स को एक्टिवेट कर लिया है। जमीन, हवा और पानी से हमला करने वाली परमाणु मिसाइलें किसी भी तरह के हमले का जवाब देने के लिए तैयार कर ली गई है। रूस की ये तैयारी है कि अगर पश्चिमी देशों ने, नाटो ने हमला किया तो वो कई बड़े शहरों को अपनी मिसाइलों को निशाना बना सकता है। इसमें इंग्लैंड के शहर, अमेरिकी शहर भी शामिल हैं। एक बात तो क्लियर है कि अगर रूस की न्यूक्लियर सबमरीन ने अपनी 4500 किलोमीटर रेंज वाली परमाणु मिसाइल कैलिबर-एम को फ्लोरिडा के तट के पास से दाग दिया तो वॉशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क को कोई बचा नहीं पाएगा। अमेरिका का एयर डिफेंस सिस्टम भी कैलिबर मिसाइल को बर्बाद नहीं कर पाएगा। न ही नाटो का कोई सिस्टम इन मिसाइलों को हवा में रोक पाएगा न ही ध्वस्त कर पाएगा।