रूस के पास कम पड़ गया गोला-बारूद? क्यों नहीं दे पाया अब तक यूक्रेन को जवाब…

यूक्रेन ने पश्चिमी कुर्स्क इलाके के कुछ क्षेत्र पर कब्जा कर रूस को बड़ा झटका दे दिया था। अब चर्चाएं ये भी शुरू हो गई हैं कि आखिर रूस इसका…

रूस के पास कम पड़ गया गोला-बारूद? क्यों नहीं दे पाया अब तक यूक्रेन को जवाब…

यूक्रेन ने पश्चिमी कुर्स्क इलाके के कुछ क्षेत्र पर कब्जा कर रूस को बड़ा झटका दे दिया था।

अब चर्चाएं ये भी शुरू हो गई हैं कि आखिर रूस इसका जवाब अब तक क्यों नहीं दे सका है। जानकार इसके कई कारण गिनाते हैं।

हालांकि, खबरें ये भी हैं कि रूस ने इस कार्रवाई का जवाब धीरे-धीरे देना शुरू कर दिया है। खास बात है कि फरवरी 2022 में हुए आक्रमण के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की शासन को यह चौथा बड़ा झटका माना जा रहा है।

बीते सप्ताह यूक्रेन की सेना ने कीव के पूर्वोत्तर पर हमला बोल दिया था, जिसके बाद उसने कई गावों पर कब्जा किया और रूसी सैनिकों को बंदी बना लिया था।

यूएसए टुडे से बातचीत में अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया है कि यूक्रेन ने आक्रमण के बारे में व्हाइट हाउस या पेंटागन को जानकारी नहीं दी थी। इधर, पुतिन ने भी इस हमले का जिम्मेदारी यूक्रेन के सहयोगियों को बताया है।

क्या हो सकती है वजह

रिपोर्ट के अनुसार, एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि रूस की सेना में क्विक रिएक्शन फोर्सेज की कमी है, जो आपातकाल की स्थिति में कार्रवाई के लिए तैयार हो सकती है।

दो अधिकारियों ने कहा कि रूसी बलों ने आक्रमण के दौरान पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में लाखों तोप के गोले चलाए, लेकिन मॉस्को कुर्स्क से यूक्रेनियों के बाहर निकालने के लिए भारी तोपों का इस्तेमाल करने में इच्छुक नहीं रहा है।

अमेरिकी अखबार से बातचीत में अधिकारियों ने बताया कि एक वजह यह भी हो सकती है कि रूसी अपने ही इलाकों पर हमला नहीं करना चाह रहे हों। रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी यूक्रेन में लगातार जंग के बाद रूस के पास गोला बारूद की भी कमी हो सकती है।

एक अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि कुर्स्क में यूक्रेनी बलों का सामना करने के लिए रूस ने बलों को बढ़ाना शुरू कर दिया है। साथ ही रूस की धीमी जवाबी कार्रवाई की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि उन्हें इस बात की स्पष्ट जानकारी नहीं है कि यूक्रेन क्या करना चाह रहा है।

एक अमेरिकी अधिकारी ने अखबार को बताया कि यूक्रेन के हमले की एक वजह रूसी सैनिकों को कैदी बनाने की भी हो सकती है, जिसका इस्तेमाल वो कैदियों की अदला-बदली में कर सकता है।

कहा जा रहा है कि 3 हजार से ज्यादा युद्ध बंदी अदला बदली के जरिए घर वापसी कर चुके हैं। हालांकि, अब तक यह भी साफ नहीं है कि दोनों पक्षों के पास कितने युद्धबंदी हैं।

कुर्स्क में यूक्रेनी सेना ने एक और पुल तबाह किया

रूस के कुर्स्क में संघर्ष जारी है। यहां यूक्रेनी वायुसेना ने सेइम नदी पर बने एक पुल को तबाह कर दिया और पास के ही एक पुल पर हमला किया।

इस पुल से ही रूसी सेना को सैन्य व अन्य आपूर्ति की जा रही थी। यह हमला सीमा पार से की गई घुसपैठ के दो सप्ताह से भी कम समय में हुआ है। इस हमले से रूसी आपूर्ति मार्ग बाधित हो गया है। पुल तबाह होने से रूस का युद्ध संचालन अभियान प्रभावित हो सकता है।

यूक्रेन का कहना है कि वह उसके आपूर्ति मार्गों को बाधित करना चाहता है। ये हमला यूक्रेनी सीमा से 15 किलोमीटर दूर ज्वानोये गांव के पास किया गया। एयर फोर्स कमांडर मायकोला ओलेशचुक ने कहा, एक और पुल को नष्ट कर दिया है, वायुसेना के विमान ने पुल पर सटीक निशाना लगाया। हम दुश्मन तक पहुंचने वाली रसद से वंचित रखना जारी रखेंगे।

उन्होंने हमले का एक वीडियो भी जारी किया है। एक रूसी ब्लॉगर्स ने भी तबाह हुए पुल की तस्वीरें साझा की हैं। शुक्रवार को यूक्रेन ने ग्लुश्कोवो शहर के पास सीम नदी पर एक पुल को निशाना बनाया था।

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