आतंकी कैसे कर रहे सटीक हमले? ऐप बना नया हथियार, साफ दिखा देता है चप्पे-चप्पे की तस्वीर
कठुआ। अत्याधुनिक तकनीकी का उपयोग आतंकी भी करने लगे हैं। पाकिस्तान इसकी ट्रेनिंग दे रहा है। जम्मू के कठुआ में भारतीय सेना के ट्रक पर हुए हमले की जांच में…
कठुआ। अत्याधुनिक तकनीकी का उपयोग आतंकी भी करने लगे हैं। पाकिस्तान इसकी ट्रेनिंग दे रहा है। जम्मू के कठुआ में भारतीय सेना के ट्रक पर हुए
हमले की जांच में जुटी एजेंसियों ने खुलासा किया है कि आतंकियों ने इस हमले की जगह ढूढ़ने के लिए अल्पाइन क्वेस्ट लोकेशन एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया था। जांच एजेंसी के मुताबिक, जम्मू में पिछले डेढ़ साल में जितने भी आतंकी हमले हुए हैं, उसमें इसी एप्लीकेशन का इस्तेमाल किया गया है। खुफिया एजेंसी सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की सरपरस्ती में भारतीय सीमा के अंदर घुसपैठ करने वाले इन आतंकियों को इस ऐप्लीकेशन के जरिये घने जंगलों के सारे नदी-नालों और पहाड़ी गुफाओं की बिल्कुल क्लियर लोकेशन मिल जाती है। पाकिस्तान में इन आतंकियों को इस ऐप की ट्रेनिंग दी जाती है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकियों ने सोमवार को बड़ा हमला किया था, जिसमें भारतीय सेना के एक जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत 5 जवान शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हुए हैं। इस हमले के बाद ये सभी आतंकी पास के जंगल में भाग गए। सुरक्षाबल उनकी तलाश में जुटे हैं।
कठुआ में सोमवार को हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से चल रहे आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद ने ली है। इससे पहले हुए तीन दूसरे आतंकी हमले को लश्कर ने अंजाम था। अभी तक की तफ्तीश में ये बात सामने आई है कि इन सभी हमलों में आतंकियों को इसी एल्पाइन क्वेस्ट एप्लिकेशन से ही गाइडेंस मिली थी। सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मौजूदा समय में जम्मू में दो अलग-अलग ग्रुप ऐक्टिव हैं। एक जो डेढ़ साल से जम्मू के जंगलों में मौजूद है, जबकि दूसरे माड्यूल ने 4 महीने पहले ही घुसपैठ की है। आतंकियों का मुख्य औजार बने इस एल्पाइन क्वेस्ट ऐप के जरिये जम्मू के जंगली इलाकों में डीटेल्ड प्लॉटिंग की जाती है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, भारत में घुसपैठ कर चुके दोनों माड्यूल ने कई छोटे-छोटे ग्रुप बनाए हैं, जिनके जिम्मे एल्पाइन क्वेस्ट द्वारा चिह्नित किए गए जम्मू के जंगलों के इलाके को प्लॉट में बांटा गया है। आतंकियों के ग्रुप का मूवमेंट इसी प्लॉट के मुताबिक होता है।