ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को मिली केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी

 भोपाल । ग्वालियर से आगरा के बीच 88.40 किमी लंबे सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। प्रोजेक्ट के लिए 4263 करोड़ रुपये मंजूर किए गए…

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे को मिली केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी

 भोपाल । ग्वालियर से आगरा के बीच 88.40 किमी लंबे सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। प्रोजेक्ट के लिए 4263 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2022 में केंद्रीय सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडक़री ने ग्वालियर में की थी। जनवरी 2024 में नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया ने टेंडर भी जारी कर दिया था लेकिन कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिलने के कारण नौ बार टेंडर खोलने की तारीख बढ़ा दी गई थी। अब 14 अगस्त को टेंडर खोले जा सकेंगे।

राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत का काम भी शामिल 


ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण के साथ ही वर्तमान ग्वालियर-आगरा फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग की मरम्मत का काम भी शामिल हैं। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस का निर्माण होने के बाद सिर्फ एक से सवा घंटे के अंदर आगरा तक पहुंचा जा सकेगा, वहीं दिल्ली तक पहुंचने में साढ़े तीन घंटे का समय लगेगा। प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं मिलने के कारण भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा बांटने की प्रक्रिया भी शुरू हो पाई थी।
इस प्रोजेक्ट के तहत 3841.18 करोड़ से सिक्स लेन एक्सप्रेस वे का निर्माण होगा। एक्सप्रेस वे 88.400 किमी लंबा होगा। अब ग्वालियर से आगरा की दूरी 33 किमी घट जाएगी। ग्वालियर के सुसेरा से आगरा के रोहता तक एक्सप्रेस वे तैयार होगा। वर्तमान फोरलेन हाइवे की लंबाई 121 किमी है। इसमें 36 बस स्टाप तैयार होंगे। 6 बड़े जंक्शन से वाहनों का प्रवेश और निकास होगा और 131 छोटे जंक्शन भी तैयार होंगे। इस प्रोजेक्ट में 10 बड़े पुल भी बनेंगे।

प्रोजेक्ट के अलाइनमेंट का काम हुआ पूरा


एनएचएआइ के अधिकारियों ने प्रोजेक्ट के लिए अलाइनमेंट देखने का काम पूरा कर लिया है। बीच में रेलवे ट्रैक व चंबल नदी को देखते हुए रेलवे और पर्यावरण मंत्रालय की सारी एनओसी भी ली गई हैं। मुरैना, धौलपुर और आगरा जिले के 100 से अधिक गांवों में सरकारी तथा निजी भूमि के अधिग्रहण की अधिसूचना जारी कर दी गई है। संभावना है कि सितंबर से मुआवजा वितरण शुरू हो सकेगा और 90 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण होने के बाद मार्च-अप्रैल 2025 तक काम की शुरूआत हो जाएगी।