छत्तीसगढ़-बीजापुर के नडपल्ली में पुलिस एक्शन की जांचकर लौटा कांग्रेस का विशेष दल, सदन में उठाएगा मुद्दा
बीजापुर. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर कांग्रेस का छह सदस्यीय जांच दल मंगलवार को नडपल्ली गांव में ग्रामीणों के साथ हुई पुलिसिया कार्रवाई की जांच के लिए गया।…
बीजापुर.
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर कांग्रेस का छह सदस्यीय जांच दल मंगलवार को नडपल्ली गांव में ग्रामीणों के साथ हुई पुलिसिया कार्रवाई की जांच के लिए गया। जिसने ग्रामीणों से मिलकर संपूर्ण घटना की जानकारी ली। घटनास्थल से वापस बीजापुर लौटी जांच समिति ने प्रेस वार्ता की। जांच दल के संयोजक एवं बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने पत्रवार्ता में कहा कि नडपल्ली गांव के ग्रामीणों ने जांच दल को बताया कि 5 जुलाई की देर रात सुरक्षा बलों ने पूरे नडपल्ली गांव को घेर लिया और गांव के बुजुर्ग और महिलाओं को छोड़कर 95 लोगों को भोर 4 बजे पुलिस उसूर थाना ले गई।
जिनमें पढ़ाई करने वाले छात्र, किसान, बीमार लोग भी शामिल थे। बाद में कुछ लोगों को छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि भोर में 4 बजे ग्रामीणों को थाना ले जाना दुर्भाग्यपूर्ण है, यह अपने आप में ऐसी पहली घटना होगी, जिसमें पुलिस ने पूरे गांव वालों को नक्सलियों के नाम पर थाने ले गई और उन्हें प्रताड़ित किया गया। लखेश्वर बघेल ने आगे कहा कि प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से आदिवासियों पर अत्याचार और प्रताड़ना की घटनाएं बढ़ी हैं। जिस तरह से नडपल्ली गांव के लोगों को पुलिस थाने में लाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। इससे तो यही लगता है कि नक्सलियों की आड़ में भाजपा सरकार षड्यंत्रपूर्वक आदिवासियों को खत्म करना चाहती है। 15 दिन पहले आईईडी ब्लास्ट में अपने दोनों पैर खो देने वाली महिला का जिक्र करते हुए विधायक बघेल ने कहा कि जिस महिला ने आईईडी ब्लास्ट में अपने दोनों पैर गंवा दिए हैं। पुलिस उसी के बेटे को नक्सली बता कर उठा रही है। इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है। बघेल ने आगे कहा कि भाजपा सरकार को यह बताना चाहिए कि ऐसी कौन सी मुसीबत आ रही थी कि पुलिस भोर 4 बजे पूरे गांव के लोगों को उठाकर थाने ले आई है? जबकि पुलिस थाना और नडपल्ली गांव के इर्द-गिर्द सुरक्षा बलों के दो कैंप भी है। आख़िर नक्सलियों की आड़ में आदिवासी कब तक प्रताड़ित होते रहेंगे? भाजपा सरकार एक तरफ कहती है कि अब नक्सली खत्म हो गए हैं और वही दूसरी तरफ नक्सलियों के नाम पर पूरे गांव वालों को उठा लिया जाता है। बघेल ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ज़रूर आदिवासी हैं, लेकिन प्रदेश का आदिवासी ही सुरक्षित नहीं है। लखेश्वर बघेल ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी सड़क से सदन तक की लड़ाई लड़ेगी। आगामी विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा। विदित हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा आठ जुलाई को बीजापुर जिले के उसूर थाना अंतर्गत नडपल्ली गांव में हुए पुलिस कार्रवाई की जांच के लिए छह सदस्यीय जांच दल का गठन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने किया था। जिसमें बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल को संयोजक, बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, नारायणपुर के पूर्व विधायक चंदन कश्यप आदि को शामिल किय गया था।