चमत्कारी मूर्ति वाला मंदिर! बदलते हैं देवी के चेहरे के भाव, मन्नत मांगने के लिए लगती है लाइन

जादू और चमत्कार की कई कहानी आपने सुनी होंगी. लेकिन हम आज आपके लिए सच में मौजूद चमत्कारी मूर्ति की कहानी लेकर आए हैं. यह नजारा देखने के लिए मिलता…

चमत्कारी मूर्ति वाला मंदिर! बदलते हैं देवी के चेहरे के भाव, मन्नत मांगने के लिए लगती है लाइन

जादू और चमत्कार की कई कहानी आपने सुनी होंगी. लेकिन हम आज आपके लिए सच में मौजूद चमत्कारी मूर्ति की कहानी लेकर आए हैं. यह नजारा देखने के लिए मिलता है मध्य प्रदेश के सतना के भटनावर में. यहां देवी की एक प्रतिमा मौजूद है. खास इसलिए क्योंकि इस मूर्ति की आंखे घूमती हैं. ऐसा सिर्फ 1-2 बार नहीं बल्कि हर रोज होता है. सूर्य की दिशा जैसे ही बदलती है, मूर्ति के चेहरे के भाव भी बदल जाते हैं. इसी रहस्यमयी मूर्ति की कहानी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं.

मध्य प्रदेश में मौजूद है जादुई मूर्ति
भटनवारा देवी की मौर्यकालीन मूर्ति का रहस्य किसी जादू से कम नहीं है. इस प्रतिमा को देवी मां कालका कलकत्ता की देवी बहन कालिका का स्वरूप माना जाता है. मू्र्ति अलग है क्योंकि इसकी आंखे घूमती हैं. चेहरे के भाव बदलते हैं. इसे 700 साल पुराना बताया जाता है. कभी देवी गुस्से में तो, कभी खुश दिखाई देती हैं. पहले प्रतिमा नदी किनारे थी. फिर इसका स्थान बदला गया.

राजा को मिली थी मूर्ति
भटनावर के राजा हुआ करते थे. उनका नाम था राजा मनक सिंह. उन्हें ही यह मूर्ति करारी नदी के किनारे मिली थी. चोरों ने मिलकर इस मूर्ति को चुराने की कोशिश की थी. लेकिन वो असफल रहे थे. तब राजा ने प्रतिमा रखने के लिए नदी किनारे एक मंदिर बनवाया. लेकिन मंदिर में मूर्ति नहीं आ पाई. इसके बाद मूर्ति को उसी जगह पर रहने दिया गया, जहां से वो मिली थी. 70 के दशक में मूर्ति को नए मंदिर में रखा गया.

हर दिन 3 बार बदलते हैं नेत्र
इस मंदिर में मौजूद कालका मां हर दिन तीन बार अपने नेत्र की दिशा बदलती है. सूर्य उदय होता है तो आंखे पूर्व में होती हैं. फिर समय के साथ बीच में आ जाती है और सूर्यास्त के समय आंखे पश्चिम दिशा की ओर रहती है. सालों से ऐसा हर दिन होता आ रहा है.

मन्नत पूरी करने वाला मंदिर
यूं तो हर मंदिर में भीड़ लगती है. लेकिन कालका मईया की अनोखी मूर्ति के लिए दूर-दूर से आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त इस मंदिर में प्रार्थना कर मांगता है, उसकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है.

नवरात्रि पर लगता है मेला
नवरात्रि जैसे मौकों पर इस मंदिर में मेला लगता है. दूर-दूर से लोग आते हैं. भक्तों का कहना है कि इस मंदिर में पूजा कर जो भी मांगा जाता है, वो जरूर मिलता है. मेले अलावा भंडारो के लिए भी मंदिर प्रसिद्ध है. दूर-दूर से लोग यहां पर आकर भंडारे करते हैं. हर दिन कुछ न कुछ बांटा जाता है.

अल्मोड़ा में भी है ऐसा अनोखा मंदिर
उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्याही देवी मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है. सतना ही तरह इस मंदिर की भी बहुत मान्यता है. कहा जाता है कि इस मंदिर में भी देवी दिनभर में 3 बार चेहरे के भाव बदलती हैं.