राजस्थान में यहां है गरुड़ भगवान का एकमात्र मंदिर, यहां पूरी होती है सभी की मनोकामना
बीकानेर. बीकानेर नगर की स्थापना के बाद से शहर में मंदिरों के स्थापित होने के प्रमाण है. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में देवी-देवताओं के शताब्दियों पुराने प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की…
बीकानेर. बीकानेर नगर की स्थापना के बाद से शहर में मंदिरों के स्थापित होने के प्रमाण है. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में देवी-देवताओं के शताब्दियों पुराने प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा का केन्द्र हैं. ये प्राचीन मंदिर अपनी कलात्मकता, विशिष्ट बनावट, स्थापित प्रतिमाओं की भव्यता और पर्व-उत्सवों के आयोजन को लेकर प्रसिद्ध हैं. ऐसे में एक ऐसा मंदिर है जो पूरे बीकानेर में एक ही है.
हम बात कर रहे है देवीकुंड सागर स्थित दस मंदिर में गरुड़ भगवान के मंदिर की. यहां ऊपर कृष्ण की मूर्ति है और नीचे गरुड़ भगवान की मूर्ति है. इस मंदिर परिसर में गरुड़ भगवान की तीन प्रतिमा है. यहां तीनों प्रतिमा भी एक जैसी है. गरुड़ भगवान की प्रतिमा भी संगमरमर से बनी हुई है.
पुजारी पुरुषोत्तम सेवग ने बताया कि यह मंदिर 250 साल से अधिक पुराना मंदिर है. वे बताते है कि बीकानेर में तो एक ही मंदिर है संभवत राजस्थान का भी एक ही मंदिर है. गरुड़ भगवान की सुबह और शाम को पोशाक बदली जाती है. कई लोग यहां दर्शन करने के लिए आते है. सावन में यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है. वे बताते है कि यहां कोई मनोकामना मांगते है तो यह मनोकामना जरूर पूरी होती है.
वे बताते है कि त्रेतायुग में गरुड़ ने श्रीराम के छोटे भाई और राजा दशरथ के दूसरे स्थान के पुत्र भरत के रूप में अवतार लिया था. गरुड़ और अरुण को प्रसिद्धगरुड़ पक्षीके रूप में वर्णित किया गया है.