कब है हरतालिका तीज? इस बार अद्भुत संयोग, देवघर के आचार्य से जानें व्रत तोड़ने का शुभ मुहूर्त
हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. हिंदू धर्म में हरतालिका तीज…
हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का विशेष महत्व है. विशेष कर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, बंगाल में यह पर्व वृहद रूप से मनाया जाता है. हरतालिका तीज का व्रत बेहद कठिन है, क्योंकि इसमें निर्जला व्रत रखा जाता है. इस बार हरतालिका तीज पर अद्भुत संयोग भी बन रहा, जिसका व्रती महिलाओं को खास लाभ होने वाला है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंद किशोर मुद्गल ने Local 18 को बताया कि हर साल हरतालिका तीज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल 6 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा. इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद पाने के लिए निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन अवश्य करें. विशेष कर नव विवाहित महिलाओं को इस दिन व्रत अवश्य रखना चाहिए.
हरतालिका तिथि के दिन शुभ संयोग
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हरतालिका तीज के दिन इस साल बेहद शुभ संयोग का निर्माण होने जा रहा है, यानी इस दिन रवि योग और अमृत सिद्धि योग के साथ चित्रा नक्षत्र भी है जो बहुत शुभ माना जाता है. ऐसे में व्रत रखकर प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से दोगुने फल की प्राप्ति होगी.
क्या है शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हरतालिका तीज के दिन रात्रि में चंद्रमा को देखकर ही अपने पति के हाथों इस व्रत को तोड़ा जाता है. इस बार 6 सितंबर को चंद्रोदय के बाद शाम 7:55 बजे तक व्रत तोड़ने का शुभ मुहूर्त है. हरतालिका तीज पर शाम 7:55 मिनट से पहले चंद्रमा का दर्शन कर अर्घ्य प्रदान कर पति के हाथों व्रत तोड़ सकती हैं.
विवाहित महिलाएं करें ये उपाय
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हरतालिका तीज के दिन सुहागिन महिलाएं हरे रंग का वस्त्र पहनकर पति की लंबी उम्र की कामना लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य को अवश्य प्रदान करें. इससे अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है.