हेयरहिल्स में दंगाइयों ने गाड़ियों में लगाई आग, बच्चे भी पुलिस की कार पर बरसा रहे पत्थर

लंदन। हेयरहिल्स क्षेत्र में सैकड़ों दंगाई मास्क पहन कर हिंसा कर रहे हैं, जिनसे निपटने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही है। दंगों का कारण चाइल्ड केयर एजेंसी…

हेयरहिल्स में दंगाइयों ने गाड़ियों में लगाई आग, बच्चे भी पुलिस की कार पर बरसा रहे पत्थर

लंदन। हेयरहिल्स क्षेत्र में सैकड़ों दंगाई मास्क पहन कर हिंसा कर रहे हैं, जिनसे निपटने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही है। दंगों का कारण चाइल्ड केयर एजेंसी की ओर से स्थानीय बच्चों को ले जाना बताया जा रहा है, जिसका कुछ लोगों ने विरोध किया। देखते ही देखते हेयरहिल्स में बड़ी भीड़ जमा हो गई। रोड के बीच में एक डबल डेकर बस को भी आग लगा दिया गया। बाद में आई तस्वीरों से पता चला कि उसका सिर्फ मलबा बचा है। पुलिस और स्थानीय पार्षदों ने लोगों से घर लौटने का आग्रह किया है। दंगे रोकने वाली पुलिस ने सड़कों पर पानी भर दिया है और सड़कें बंद कर दी। डेलीमेल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि आज सुबह हेयरहिल्स एक युद्धक्षेत्र जैसा लग रहा है। हिंसक दंगाइयों की भीड़ ने राच भर पूरे क्षेत्र में कई बार आग लगाई। एक प्रवक्ता ने बताया कि क्षेत्र में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है।
पार्षद सलमा आरिफ ने एक वीडियो पोस्ट कर लोगों को घरों पर रहने की सलाह दी। शहर के ऊपर निगरानी के लिए हेलीकॉप्टर को उड़ते देखा जा सकता है। यूके में बच्चों के कल्याण के लिए चाइल्ड केयर होते हैं। अगर एजेंसी को लगता है कि बच्चे की सुरक्षा खतरे में है या उसकी ठीक से देखभाल नहीं हो पा रही है तो वह उन्हें अपने संरक्षण के लिए ले जा सकती है। यूके सरकार की वेबसाइट के मुताबिक देखभाल का आदेश न्यायालय की ओर से एक परिषद को दिया जाता है। बाल अधिनियम 1989 के तहत परिषद चाइल्ड केयर के लिए आवेदन कर सकती है। बच्चे के 18वें जन्मदिन तक यह आदेश मान्य रहता है। कई सड़कें बंद कर दी गई हैं और लोगों को हिंसा वाले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है। रिपोर्ट के मुताबिक एक रेस्तरां मालिक ने कहा कि एक स्थानीय बच्चे को चाइल्ड केयर ले जाया जा रहा था, जिसका विरोध किया गया। पुलिस ने कहा था कि शुरू में उन्हें लक्सर रोड पर एक उपद्रव के बारे में पता चला, जिसमें एजेंसी के कुछ कर्मचारी और बच्चे शामिल थे। जब ज्यादा से ज्यादा लोग जमा होने लगे तो एजेंसी के कर्मचारियों और बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के निर्णय लिया गया।