विधायक गायत्री राजे की 1239 करोड़ की संपत्ति पर स्टे
देवास राजघराने में संपत्ति विवाद गहराया भोपाल । देवास महारानी और विधायक गायत्री राजे पंवार को जिला कोर्ट से झटका लगा है, वह भी 1239 करोड़ की संपत्ति विवाद में।…
देवास राजघराने में संपत्ति विवाद गहराया
भोपाल । देवास महारानी और विधायक गायत्री राजे पंवार को जिला कोर्ट से झटका लगा है, वह भी 1239 करोड़ की संपत्ति विवाद में। स्वर्गीय महाराज तुकोजीराव पंवार की बहन (गायत्री की ननद) शैलजा राजे पंवार द्वारा लगाए गए संपत्ति विवाद में जिला कोर्ट ने संपत्तियों को लेकर स्टे जारी कर दिया है। यानी कि इनकी खरीदी-बिक्री नहीं होगी और ना ही कोई अन्य काम होगा। इस आदेश से इंदौर के बिल्डर भी उलझ गए हैं, जिन्होंने इन विवादित संपत्तियों को लेकर महारानी के साथ डील कर प्रोजेक्ट शुरू कर दिए थे।
शैलजा राजे पंवार द्वारा साल 2021 में लगाए गए वाद में गायत्री राजे पंवार, विक्रम सिंह पंवार, कनिकाराजे पंवार, उत्तराराजे पाटनकर, देविकाराजे फाल्के, महाराज तुकोजीरावर पंवार धार्मिक एंड चेरिटेबल ट्रस्ट, महाराज कृष्णजीराव पंवार धार्मिक एंड चेरिटेबल ट्रस्ट, मप्र कलेक्टर देवास, कलेक्टर रतलाम, विकास भाउसाहेब व अन्य पक्षकार बनाए गए थे। इसमें सभी पक्षकार हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे, लेकिन सभी जगह मामले को जिला कोर्ट की ओर रैफर कर दिया गया। शैलजा राजे पंवार के अधिवक्ता मुदित महेश्वरी और विनय गांधी ने जिला कोर्ट में पक्ष रखा। महेशवरी ने बताया कि सुनवाई के बाद चतुर्थ जिला न्यायाधीश देवास यशपाल सिंह ने स्टे जाटी कर दिया और सभी पक्षकारों को यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी। शैलजा राजे ने इस मामले में अधिवक्ता मुदित माहेश्वरी के जरिए सार्वजनिक सूचना जारी की है। इसमें दोनों सौदों को लेकर जानकारी देते हुए इसे अवैध बताया है। उन्होंने कहा कि संपत्ति को लेकर जिला कोर्ट देवास में एक मामला चल रहा है। वहीं एक याचिका हाईकोर्ट में भी दायर की गई है। यह याचिक मुख्य रूप से शैलजाराजे पवार ने मप्र शासन, टीएंडसीपी, गायत्री पवार, विक्रम पवार, कनिका राजे पवार, रीगल रायल स्केप्स के सभी कतधिर्ताओं के खिलाफ लगाई है।
देशभर में फैली है 1239 करोड़ की संपत्तियां
पवार परिवार की देशभर में फैली 1239 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति में हिस्सेदारी को लेकर विवाद चल रहा है। महाराज श्रीमंत कृष्णजीराव पावर के पुत्र तुकोजीराव और पुत्री शैलजा के साथ ही दो औटू बहन उत्तराराजे पंवार और देविकाराजे पंवार। तुकोजीराव पंवार की पत्नी गायत्री देवी और पुत्र विक्रम सिंह, पुत्री कनिकाराज है। संपत्तियों को लेकर मुख्य दावा शैलजा ने लगाया हुआ है। तुकोजीराव के निधन के बाद गायत्री राजे और उनके पुत्र विक्रम इसकी देखभाल करते हैं। इस राजघराने की इंदौर, आलोट, जयपुर, पुणे सहित कई शहरों में जमीनें हैं। बताया जाता है कि महल की सफाई के वक्त वसीयत सामने आई थी। इसी वसीयत के खिलाफ शैलजा है और उनका पक्ष है कि हक मांगे जाने के वक्त से पिता कृष्णाराव पवार की एकदम से वसीयत सामने आना शंका पैदा करने वाला है। तुकोजीराव और कृष्णाराव ने अपने जीवनकाल में किसी वसीयत का उल्लेख नहीं किया था। यह फर्जी तरीके से बनवाई गई है।
शपथपत्र में गायत्री देवी ने इतनी बताई संपत्ति
विधानसभा चुनाव के दौरान बताए गए शपथपत्र के अनुसार गायत्री राजे पवार के पास 20 लाख रूपए की हाथ में नकदी है, जबकि चल संपत्ति की कीमत 5 करोड़ 39 लाख रुपए से ज्यादा है। इसी प्रकार गायत्री राजे पवार के पास 32 करोड़ 45 लाख रूपए की विरासत में मिली अचल संपत्ति है। इनमें देवास में फार्म हाउस, कृषि भूमि, रतलाम जिले के आलोट में गढ़ी और पुणे की संपत्ति आदि शामिल है। इसके अलावा राज परिवार के पास कई वेयरहाउस भी हैं। गायत्री राजे पवार ने अपने शपथ पत्र में उल्लेख किया है कि साल 2023 में उनकी आमदनी 23 लाख 74,000 सालाना थी।
इंदौर के इन बिल्डर्स के प्रोजेक्ट पर पड़ेगा असर
इस विवाद के दौरान रीगल रायल्स स्केप्स इंदौर और अपोलो क्रिएशंस ग्रुप ने इनकी संपत्तियों पर कॉलोनी और मल्टी बनाने का करार कर लिया। इसके बाद इसे लेकर शैलजा पवार ने इस सौदे को अवैध बताते हुए सार्वजनिक सूचना भी जारी कर दी थी।
यह है रीगल और अपोलो ग्रुप के सौदे
टीगल रॉयल्स स्केप्स इंदौर में ओल्ड डेलियंस देवराज सिंह बडगा, आशुतोष माहेश्वरी, आदित्य बोराड, करण नरसरिया, प्रीति आसुदानी शामिल है। इन्होंने गायत्री राजे, उनके पुत्र विक्रम पवार और पुत्री कनिकाराजे की संपत्ति पर आनंद विलास कॉलोनी काटने का सौदा किया हुआ। उधर श्रीमंत महाराज तुकोजीराव पवार धार्मिक व परमार्थिक ट्रस्ट तर्फे विक्रम पवार ने पलासिया में प्लाट नंबर 2 जो (इस्लामिया कीमिया स्कूल के पीछे पलासिया) में हैं, वहां पर अपोलो क्रियशंस ने सौदा किया है, जो निर्मल और अनिल अग्रवाल बंधुओं का है। यहां पर मल्टी बनाई जा रही है, काम भी जारी है। जबकि इस प्रोजेक्ट को स्वामित्व विवाद के चलते रेरा ने भी खारिज कर दिया है और मंजूरी नहीं जारी की गई है। यह 60 करोड़ रूपए से ज्यादा की जमीन पर प्रोजेक्ट है।