प्रदेश में इस महीने होंगे थोकबंद तबादले!

तबादला नीति भी तैयार, जारी होते ही हटेगा प्रतिबंध भोपाल। प्रदेश सरकार अगस्त में बड़े प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी में है। जिसमें अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों के थोकबंद तबादले होंगे।…

प्रदेश में इस महीने होंगे थोकबंद तबादले!

तबादला नीति भी तैयार, जारी होते ही हटेगा प्रतिबंध

भोपाल। प्रदेश सरकार अगस्त में बड़े प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी में है। जिसमें अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों के थोकबंद तबादले होंगे। तबादलों को लेका कर्मचारी संगठन , मंत्री, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों की ओर से मुख्यमंत्री को लगातार सिफारिशें भेजी जा रही हैं। ऐसे में जल्द ही नई तबादला नीति भी जारी करने होने की संभावना है। सामान्य प्रशासन विभाग ने नीति तैयार भी कर ली है। शासन से संकेत मिलते ही कैबिनेट बैठक में तबादला नीति का प्रस्ताव रखा जाएगा। नीति को मंजूरी मिलते ही प्रदेश भर में थोकबंद तबादलों का रास्ता साफ हो जाएगा।
शासन स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों की तबादला सूची पहले ही तैयार कर ली है। जिसमें कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, संभागायुक्त, रेंज आईजी के अलावा अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। अधिकारियों की सूची विधानसभा सत्र के तत्काल बाद जारी होने वाली थी, लेकिन टल गई। इस बीच मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राजस्व महाअभियान की समीक्षा के दौरान आधा दर्जन कलेक्टरों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए, कलेक्टरों की ग्रेडिंक करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए थे। इसके बाद शासन स्तर पर कलेक्टरों के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक एवं अन्य मैदानी अधिकारियों की परफार्मेंस रिपोर्ट भी तैयार की गई है। अब प्रशासनिक अधिकारियों के तबादला सूची में इसी रिपोर्ट के आधार पर बदलाव होगा। संभवत: अगले हफ्ते अधिकारियों की तबादला सूचियों जारी की जा सकती हैं। तीन दिन पहले मंदसौर एवं कटनी जिलों के कलेक्टरों के बदलाव इसी सूची में से किए गए थे।

2 साल से नहीं आई नीति


प्रदेश में दो साल से तबादला नीति नहीं आई है। कर्मचारियों की ओर से बड़ी संख्या में तबादला आवेदन एवं सिफारिश आ रही हैं। ऐेसे में राज्य शासन तबादलों से सीमित प्रतिबंध हटाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी कर्मचारी हितैषी के तौर पर उभरकर सामने आए हैं। ऐसे में अगले महीने तबादला नीति आने की पूरी संभावना है।

 

ये कलेक्टर हो सकते हैं प्रभावित


संभावित तबादला सूची में इस बार ग्वालियर चंबल के कलेक्टर ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। श्योपुर और ग्वालियर छोडक़र शेष सभी जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं। गुना कलेक्टर पर असमंजस की स्थिति है। इसके अलावा सागर, छतरपुर, सतना, रीवा, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, खंडवा, खरगोन, झाबुआ, नीमच के कलेक्टर शामिल हैं। छिंदवाड़ा कलेक्टर को दूसरे जिले की कमान सौंपी जा सकती है। उन्हें भोपाल कलेक्टर भी बनाया जा सकता है।