वीडी और पटवारी को पूरा फोकस बूथ पर

मिशन 2028…चार पहले ही चुनावी मोड में नजर आने लगी भाजपा और कांग्रेस भोपाल । अभी विधानसभा संपन्न हुए सात-आठ माह ही हुए हैं कि भाजपा और कांग्रेस ने मिशन…

वीडी और पटवारी को पूरा फोकस बूथ पर

मिशन 2028…चार पहले ही चुनावी मोड में नजर आने लगी भाजपा और कांग्रेस

भोपाल । अभी विधानसभा संपन्न हुए सात-आठ माह ही हुए हैं कि भाजपा और कांग्रेस ने मिशन 2028 यानी आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। बूथ प्रबंधन में माहिर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में हारे हुए बूथों पर अपनी स्थिति मजबूत करने का खाका तैयार कर लिया है। वहीं विधानसभा व लोकसभा चुनाव में हार से सबक लेते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भी वार्ड और बूथ स्तर पर कमेटी बनाकर नए सिरे से पार्टी को खड़ा करने और जनाधार बढ़ाने की कवायद की रणनीति बना ली है।
मप्र में हारे हुए बूथों की भाजपा अब समीक्षा कर मजबूत पकड़ बनाने में जुटेगी। इसके लिए नए सिरे से रणनीति बनाकर काम किया जाएगा। भाजपा भले ही लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ जीती हो लेकिन विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में हारे हुए बूथ अब भी पार्टी के लिए चुनौती है। भाजपा केंद्र में भी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार नहीं बना पाई है। ऐसे में इससे सबक लेते हुए भाजपा अब हारे हुए 20 प्रतिशत बूथों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पसीना बहाएगी। इसके लिए आगामी दिनों में बूथवार विभिन्न आयोजन किए जाएंगे। इन आयोजनों में विधायक और सांसद को अनिवार्य रूप से शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं। जिला और मंडल स्तर की कार्यसमिति की बैठक आयोजित की जाएगी। 12 जुलाई तक प्रदेश के सभी जिलों की कार्यसमिति की बैठकें होगी। जिन जिलों में आज बैठक हो जाएगी, वहां 10 से 15 जुलाई के मध्य मंडल स्तर की कार्यसमिति की बैठकें होगी। 13 से 20 जुलाई के मध्य शक्ति केंद्रों का सम्मेलन आयोजित किया जाएंगे और पोलिंग एजेंटों को सम्मानित किया जाएगा।

 

बूथ स्तर पर कार्यक्रम तय

28 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मन की बात कार्यक्रम को सभी बूथों पर सुना जाएगा। सरकार के सभी सांसद-विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र के किसी बूथ एक पर पहुंचकर कार्यक्रम सुनेंगे और बूथ की बैठक में शामिल होंगे। 21 जुलाई को गुरूपूर्णिमा का कार्यक्रम भी पार्टी द्वारा बूथ स्तर तक मनाया जाएगा। इसके साथ ही 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस, 14 अगस्त को भारत विभाजन विभीषिका दिवस को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम भी पार्टी कार्यकर्ता मनाएं। सात विधानसभा ऐसी हैं जहां भाजपा विधानसभा चुनाव में जीती, लेकिन लोकसभा चुनाव में हार गई। ग्वालियर चंबल में पार्टी कमजोर पड़ रही है। अत: यहां कार्यकर्ताओं को जुटाया जाएगा। विंध्य क्षेत्र में केवल एक सीट हारे, दो प्रतिशत वोट शेयर कम हुआ है। बुंदेलखंड में भाजपा सारी सीटें जीते, 67 प्रतिशत वोट चारों लोकसभा सीटों पर मिला। उज्जैन में एक सीट हारे, यहां भी कार्ययोजना बनाकर काम किया जाएगा।

 

वार्ड और बूथ स्तर पर कमेटी बनाएगी कांग्रेस


विधानसभा व लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस मध्य प्रदेश में नए सिरे से पार्टी को खड़ा करने और जनाधार वापसी के लिए मजबूत रणनीति बनाने के लिए गंभीरता से मंथन कर रही है। वह अभी से 2028 के विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू करने की रणनीति बना रही है। भोपाल में दो दिन चली मंथन-बैठक में प्रदेश प्रभारी जितेन्द्र सिंह ने अभी से चुनाव मोड में तैयारी करने के संकेत दे दिए। अब इस बात पर भी विचार हो रहा है कि अभी से प्रदेश स्तर पर चुनाव प्रबंध समिति बना दी जाए। पार्टी का दूसरा सर्वाधिक ध्यान भाजपा की तरह बूथों को मजबूत करने पर है। शहरों में वार्ड स्तर पर भी अभी से कमेटी बनाई जाएगी। प्रदेश स्तर पर बनने वाली चुनाव प्रबंधन समिति जिला और ब्लाक के पदाधिकारियों को मार्गदर्शन देगी। कांग्रेस में दूसरे दलों से आए नेताओं के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किए जाएंगे, जिससे वे पार्टी की विचारधारा से अच्छी तरह से परिचित हो सकें।

 

भाजपा का बूथ प्रबंधन ज्यादा बेहतर


दरअसल, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत की वजह उसका बूथ प्रबंधन रहा है। चुनाव से लगभग एक वर्ष पहले से ही भाजपा ने पूरी ताकत लगा दी थी। बूथ संपर्क सहित कई अभियान चलाए गए। अब कांग्रेस 2028 के विधानसभा चुनाव के लिए उसी तर्ज पर काम करने जा रही है। समस्या यह है कि कांग्रेस के पास बूथ स्तर पर कार्यकर्ता नहीं है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में दो दिन चली बैठक में पहले दिन विधानसभा चुनाव में कुछ पराजित प्रत्याशियों ने कहा था कि उन्हें कुछ बूथों पर एजेंट तक नहीं मिले। ऐसे में ब्लाक अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों को बूथ स्तर पर टीम बनाने का लक्ष्य दिया जाएगा। बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की हर 15 दिन में बैठक होगी, जिसमें जिला या ब्लाक स्तर का कोई पदाधिकारी भी उपस्थित रहेगा। जिला और ब्लाक स्तर की समितियों की प्रतिमाह बैठकें होंगी।