वित्त मंत्री के बजट भाषण का मसौदा नहीं भेज रहे विभाग

भोपाल । एक जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के लिए वित्त विभाग और सरकार चालू वित्त वर्ष का बजट तैयार करने दिन रात एक किए हुए हैं। लेकिन,…

वित्त मंत्री के बजट भाषण का मसौदा नहीं भेज रहे विभाग

भोपाल । एक जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के लिए वित्त विभाग और सरकार चालू वित्त वर्ष का बजट तैयार करने दिन रात एक किए हुए हैं। लेकिन, विभागों के अफसर इसको लेकर गंभीर नहीं है। लापरवाह अफसरों ने वित्त मंत्री और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के बजट भाषण के लिए अभी तक मसौदा नहीं भेजा है। इसके चलते बजट भाषण की संक्षेपिका तैयार करने का काम शुरू होने में समय लगना तय है। वित्त विभाग ने एक बार फिर सभी विभागों को पत्र लिखकर दो दिन में बजट में शामिल किए जाने मसौदे की डिटेल भेजने के लिए कहा है।
दरअसल, वित्त विभाग द्वारा सभी विभागों को 9 मई और 17 मई को पत्र लिखकर अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, बजट नियंत्रण अधिकारियों से कहा था कि बजट में वित्त मंत्री के भाषण के लिए वे अपने विभाग का मसौदा तैयार कर वित्त विभाग को भेजें ताकि उसे कम्पाइल कर बजट भाषण तैयार कराया जा सके। इसके लिए वित्त विभाग ने 10 जून तक की टाइम लाइन दी थी ।लेकिन, अब तक कई विभागों की ओर से जानकारी नहीं आई है। इसे देखते हुए संचालक बजट बक्की कार्तिकेयन ने एक बार फिर सभी अफसरों को पत्र लिखकर दो दिन के भीतर बजट प्रस्ताव का मसौदा भेजने के लिए कहा है। दूसरी ओर वित्त विभाग ने विभागों के अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों के साथ विभागीय बजट को लेकर बैठकों का दौर जारी रखा है। 15 जून तक चलने वाली बैठकों में संसदीय कार्य, उच्च शिक्षा, जेल, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास, उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण, श्रम, सामाजिक न्याय और दिव्यांगजन कल्याण, गृह, एमएसएमई, सहकारिता, नगरीय विकास और आवास विभाग की बैठकें अगले दो दिन में होंगी। सबसे अंत में नगरीय विकास और आवास विभाग के अफसरों के साथ वित्त विभाग के अफसरों की बैठक होना है। गुरुवार को नर्मदा घाटी विकास, जल संसाधन, खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग, खेल और युवा कल्याण, पंचायत और ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य, अनुसूचित जाति कल्याण, किसान कल्याण और कृषि विकास तथा महिला और बाल विकास विभाग की बैठकें वित्त विभाग के अफसरों के साथ हो रही हैं।