रूस के राजदूत बोले- भारत हमारा पुराना दोस्त
मास्को। भारत को रूस का पुराना दोस्त बताते हुए यहां मॉस्को के राजदूत वसीली नेबेन्ज्या ने कहा कि उनके देश के नई दिल्ली के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी के संबंध…
मास्को। भारत को रूस का पुराना दोस्त बताते हुए यहां मॉस्को के राजदूत वसीली नेबेन्ज्या ने कहा कि उनके देश के नई दिल्ली के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी के संबंध हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे से द्विपक्षीय संबंध और बेहतर होंगे। संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि नेबेन्ज्या ने जुलाई महीने के लिए रूस के सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता संभालने के मौके पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के संभावित मॉस्कों दौरे पर एक सवाल का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "भारत के साथ हमारे विशेष रणनीतिक साझेदारी वाले संबंध हैं। भारत रूस का पुराना मित्र है। हम कई क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं और मुझे लगता है कि (रूस की संभावित यात्रा के दौरान) उन सभी मुद्दों पर ठोस बातचीत होगी, जिन पर हमारे (दोनों) देश सहयोग करते हैं।" उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उनकी यात्रा के किस तरह के परिणामी दस्तावेज (आउटकम डॉक्यूमेंट) होंगे, लेकिन उन्हें भरोसा है कि इससे दूसरे देशों को गंभीर संदेश जाएगा। यह पूछे जाने पर कि वह इस दौरे से क्या हासिल होने की उम्मीद करते हैं, नेबेन्ज्या ने कहा, मुझे उम्मीद है कि रूस-भारत संबंध और भी बेहतर होंगे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ वार्ता के लिए भारत और रूस अगले हफ्ते पीएम मोदी के मॉस्को दौरे की योजना पर विचार कर रहे हैं।
पांच साल के अंतराल में पीएम का पहला मॉस्को दौरा
अगर यह यात्रा होती है तो यह करीब पांच साल के अंतराल में पीएम मोदी की पहली रूस यात्रा होगी। उनका रूस का आखिरी दौरा 2019 में हुआ था, जब उन्होंने व्लादिवोस्तोक के सुदूर पूर्व शहर में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लिया था। भारत की ओर से मोदी की संभावित रूस यात्रा की कोई पुष्टि नहीं की गई है। हालांकि, क्रेमलिन के एक अधिकारी ने पिछले हफ्ते कहा था कि उनकी यात्रा के लिए तैयारियां चल रही हैं। रूसी राष्ट्रपति के सहायक यूरी उशाकोव ने कहा था, मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि हम भारत के प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियां कर रहे हैं। हम अभी तारीख की घोषणा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि तारीख की घोषणा दो पक्षों के समझौते में की जाती है।