क्या है नया सोशल मीडिया गेम ‘क्रोमिंग चैलेंज’, जिससे बच्चे को आया हार्ट अटैक; चली गई जान…
ब्रिटेन में हाल ही में 11 साल के एक बच्चे की क्रोमिंग चैलेंज के दौरान दोस्त के घर पर मौत हो गई। टॉमी-ली ग्रेसी बिलिंगटन नाम का यह बच्चा अपने…
ब्रिटेन में हाल ही में 11 साल के एक बच्चे की क्रोमिंग चैलेंज के दौरान दोस्त के घर पर मौत हो गई।
टॉमी-ली ग्रेसी बिलिंगटन नाम का यह बच्चा अपने दोस्त के साथ उसके ही घर पर नए सोशल मीडिया ट्रेड क्रोमिंग चैलेंज खेल रहा था, तभी उसे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई।
मृत बच्चे की दादी ने के मुताबिक, “एक दोस्त के घर पर सोने के तुरंत बाद उसकी मौत हो गई। लड़कों ने ‘क्रोमिंग’ का टिकटॉक क्रेज आज़माया था, उसके बाद टॉमी-ली को तुरंत हार्ट अटैक आया और वहीं उसकी मौत हो गई। अस्पताल ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”
क्या है ‘क्रोमिंग चैलेंज’
क्रोमिंग चैलेंज, एक जोखिम भरा टिक टॉक का मनोरंजक खेल है, जिसमें बच्चे घरों में मौजूद खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल करते हैं।
खेल में बच्चे केमिकल सूंघते हैं और सोते हैं। मसलन, नेल पॉलिश रिमूवर, हेयरस्प्रे, डिओडोरेंट, हल्का तरल पदार्थ, गैसोलीन, पेंट थिनर, स्प्रे पेंट या परमानेंट मार्कर जैसे तरल पदार्थ बच्चे इस चैलेंज में लेते हैं।
रॉयल चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल मेलबर्न के मुताबिक, ऐसी नशीली चीजों के इस्तेमाल से बच्चों में रोमांच पैदा होता है लेकिन इससे उनकी जान को खतरा पहुंचने का डर रहता है।
डॉक्टरों के अनुसार, यह खतरनाक है और इससे बच्चों में चक्कर आना, उल्टी होना, हार्ट अटैक और ब्रेड डैमेज होने का खतरा रहता है।
इस खेल के दौरान जब बच्चे इन केमिकल का इस्तेमाल लंबी सांस लेने में करते हैं तो फेफड़ों के माध्यम से केमिकल ब्लड में चला जाता है, जो शरीर के विभिन्न अहम अंगों को प्रभावित करता है। इसका असर आंसिक से लेकर गंभीर तक हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया स्थित अल्कोहल एंड ड्रग फाउंडेशन के अनुसार, नियमित इनहेलेंट के इस्तेमाल से इंसान डिप्रेशन और एंजाइटी (अवसाद और चिंता) में चला जाता है और मादक पदार्थों के सेवन का आदि हो जाता है।