आग की लपटों में घिरी थी इमारत, जान बचाने के लिए तीसरी मंजिल से कूदे
कुवैत की इमारत में लगी आग ने 49 जानें लीं। आग इतनी भयावह थी कि धुएं के गुबार में जान बचाने के लिए कोई उपाय न दिखने पर कई लोगों…
कुवैत की इमारत में लगी आग ने 49 जानें लीं। आग इतनी भयावह थी कि धुएं के गुबार में जान बचाने के लिए कोई उपाय न दिखने पर कई लोगों ने मजबूरी में इमारत से छलांग लगा दी।उत्तरी केरल के तिरिकरिपुर के निवासी नलिनक्क्षम इमारत की तीसरी मंजिल पर फंसे थे। आग की लपटों को देख सेकंड से भी कम समय में उन्होंने एक निर्णय लिया और इमारत के निकट बने पानी के टैंक में छलांग लगा दी। इस छलांग के कारण उसके रिब्स में व शरीर के अन्य हिस्सों में चोट आई है, लेकिन उसकी जान बच गई।घटनास्थल के निकट ही रहने वाले नलिनक्क्षम के रिश्तेदारों ने उन्हें समय पर तलाश लिया और अस्पताल ले गए। रिश्तेदारों ने बताया कि जब उन्हें पानी से निकाला गया तो उनके शरीर में कोई हरकत नहीं हो रही थी। उनके मुंह से खून भी निकल रहा था। बाद में उनका ऑपरेशन हुआ और अब उनकी हालत में सुधार हो रहा है। हालांकि हर कोई इतना खुशकिस्मत नहीं साबित हुआ।
केरल के ही 27 वर्षीय श्रीहरि की झुलसने से मौत हो गई। उनके शव की पहचान पिता प्रदीप ने हाथ पर बने टैटू से की। प्रदीप ने बताया, अधिकारियों ने फोन कर उन्हें बेटे की शव की पहचान करने अस्पताल बुलाया। शव का चेहरा पूरी तरह बिगड़ चुका था। किसी तरह हाथ पर बने टैटू से पहचाना।केरल निवासी कैमिकल इंजीनियर साजन जॉर्ज के परिवार वालों को पता नहीं है कि जॉर्ज कुवैत में किस हाल में हैं। आगजनी की घटना के बाद से वह फोन नहीं उठा रहे हैं न ही उनकी मौत की पुष्टि हुई है। जॉर्ज के दोस्तों ने परिवार को बताया कि घटना के समय शायद जॉर्ज उसी इमारत में थे लेकिन वह भी इसे लेकर आश्वस्त नहीं हैं।कुवैत की इमारत में आग रसोई घर में सिलिंडर फटने से नहीं, बल्कि बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी। कुवैत फायर सर्विस ने बृहस्पतिवार को जांच के बाद आग के कारण का खुलासा किया है। आग में अब तक 49 लोगों की मौत हो चुकी है, 50 से अधिक घायल हैं।