जेल में बंद इमरान खान AI से पाक सरकार को छका रहे, बोले- अगले सप्ताह मेरी तकरीर भी आएगी…
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए किसी भी माध्यम का इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहे हैं। पिछले दिनों उनके…
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अपने विरोधियों को निशाना बनाने के लिए किसी भी माध्यम का इस्तेमाल करने से नहीं चूक रहे हैं।
पिछले दिनों उनके एएआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) अवतार का भाषण देते हुए वीडियो वायरल हुआ था। अब इमरान खान का एआई से लिखा हुआ एक लेख छपा है। इमरान खान का बिना किसी कॉपी कलम का इस्तेमाल किए हुए यह लेख छपा है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान ने सोमवार को कहा कि उन्होंने ब्रिटिश अखबार द इकोनॉमिस्ट में प्रकाशित अपने गेस्ट आर्टिकल को केवल मौखिक रूप से बोला था।
यह निबंध सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। 4 जनवरी को द इकोनॉमिस्ट में इमरान के हवाले से लिखे गए एक गेस्ट आर्टिकल से संकेत मिलता है कि उन्हें इस बात पर गंभीर संदेह है कि आगामी चुनाव होंगे या नहीं।
बता दें कि इमरान को 5 अगस्त को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराया गया और तीन साल की सजा सुनाई गई। 28 अगस्त को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनकी सजा निलंबित कर दी थी।
हालांकि, अपने खिलाफ दर्ज अन्य मामलों के बाद से वह जेल में ही हैं। अपने लेख में इमरान खान ने उन आरोपों को दोहराया है कि कैसे पिछले साल अमेरिकी सरकार के दबाव के कारण उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और सत्ता परिवर्तन हुआ। उन्होंने ये भी लिखा कि 9 मई के दंगे “झूठा-झंडा अभियान” और “पूर्व नियोजित” थे।
पाकिस्तान अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान के लेख के अंत में एक संपादक के नोट में कहा गया कि पाकिस्तान सरकार और अमेरिकी विदेश विभाग ने अमेरिकी हस्तक्षेप के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि सरकार उन पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत मुकदमा चला रही है।
हालांकि पार्टी के भीतर के सूत्र इस पर टिप्पणी करने से झिझक रहे हैं कि आखिर जेल के अंदर से यह लेख अखबार तक कैसे पहुंचा होगा, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि ये शब्द वास्तव में इमरान के ही थे।
कुछ जानकारों ने इस पर संदेह व्यक्त किया था कि क्या लेख वास्तव में इमरान का था, लेकिन कई लोगों ने कहा कि लेख का लहजा और कंटेंट इमरान के विचारों से मिलते हैं।
कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने बाद में कहा था कि सरकार इस मामले के बारे में ब्रिटिश अखबार के संपादक को पत्र लिखेगी। तोशखाना और अल-कादिर ट्रस्ट मामलों पर आज अदियाला जेल में सुनवाई के दौरान पीटीआई संस्थापक से पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या उन्होंने निबंध लिखा है। इस पर इमरान ने कहा, “हां मैंने ही एक अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशित कॉलम लिखा है। कॉलम के संबंध में मैंने मौखिक दिशा-निर्देश दिए थे। लेख इन दिशानिर्देशों के परिणामस्वरूप लिखा और प्रकाशित किया गया था। मैंने लेख को मौखिक रूप से निर्देशित किया था।”
हालांकि, पीटीआई प्रमुख ने कहा कि यह “एआई का युग” है। उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह उनकी एक और तकरीर (भाषण) सोशल मीडिया पर आएगी। हो सकता है कि इमरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर पार्टी की आगामी ऑनलाइन सभा का जिक्र कर रहे हों। पीटीआई के सोशल मीडिया प्रमुख जिब्रान इलियास ने कहा कि रविवार को पार्टी के टेलीथॉन में ऑनलाइन “रैली” की घोषणा की गई।
बता दें कि इमरान की पार्टी ने दिसंबर में एक वर्चुअल पीटीआई रैली के दौरान उनकी ओर से एक भाषण जारी किया था। एआई के इस्तेमाल से तैयार किए गए भाषण में इमरान खान सलाखों के पीछे से अपने समर्थकों को संदेश देते दिख रहे थे। इमरान ने आज पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा कि आम चुनाव किसी भी कीमत पर होने चाहिए और यह आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा, ”हमारे लिए चुनाव लड़ना मुश्किल कर दिया गया है। इसके बावजूद, चुनाव समय पर होने चाहिए।”
द इकोनॉमिस्ट के लिए अपने लेख में, इमरान खान के यह आशंका व्यक्त की है कि 8 फरवरी को होने वाला चुनाव शायह ही हो पाए। इ
मरान ने कहा था कि अगर वे ऐसा करते भी हैं, तो ऐसे चुनाव एक “आपदा और एक तमाशा होगा क्योंकि पीटीआई को प्रचार करने के उसके मूल अधिकार से वंचित किया जा रहा है”।
उन्होंने लिखा, “चाहे चुनाव हों या न हों, जिस तरह से मुझे और मेरी पार्टी को निशाना बनाया गया है…उसने एक बात स्पष्ट कर दी है: बड़े प्रतिष्ठान, सेना, सुरक्षा एजेंसियां और नौकरशाही कोई भी समान खेल का मैदान प्रदान करने के लिए तैयार नहीं है।”
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