भारत ने LAC के पास भेजे 10 हजार सैनिक, अभी और भी तैयारी; चीन बोला- इससे शांति नहीं मिलेगी…
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की सीमा पर कई सालों से जारी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच भारत ने चीन की हरकतों…
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की सीमा पर कई सालों से जारी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच भारत ने चीन की हरकतों को देखते हुए और सैनिकों की तैनाती का फैसला लिया है।
हालांकि चीन को ये पसंद नहीं आ रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि विवादित सीमा पर और सैनिक तैनात करने का भारत का कदम “तनाव कम करने के लिए अनुकूल नहीं है”।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत ने चीन के साथ अपनी विवादित सीमा को मजबूत करने के लिए अपनी पश्चिमी सीमा से हटाकर 10,000 सैनिकों की एक टुकड़ी को उत्तरी सीमा के नजदीक तैनात कर दिया है।
भारत के इस रणनीतिक कदम से चीन भड़का हुआ है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, “हम भारत के साथ मिलकर सीमा और उसके आसपास के क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के लिए काम करने को तैयार हैं। LAC को लेकर भारत के कदम शांति स्थापित करने के पक्ष में नहीं हैं।”
बता दें कि चीन के साथ तनाव को देखते हुए बरेली में स्थित उत्तर भारत (यूबी) एरिया को एक पूर्ण आर्मी कोर में तब्दील किया जाएगा। वर्तमान में यह मुख्य रूप से प्रशासनिक, ट्रेनिंग और अन्य शांति उद्देश्यों के लिए तैयार एक मतबूत फॉर्मेशन है। अब इसे अतिरिक्त पैदल सेना, तोपखाने, विमानन, वायु रक्षा और इंजीनियर ब्रिगेड के साथ एक पूर्ण कोर में परिवर्तित किया जाएगा।
हमारे सहयोगी न्यूजपेपर हिन्दुस्तान टाइम्स (HT) से बात करते हुए पूर्व उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुडा (सेवानिवृत्त) ने बताया था, “उत्तर भारत (यूबी) एरिया की एलएसी के साथ कुछ परिचालन जिम्मेदारियां होती हैं, लेकिन एक बड़े पैमाने पर प्रशासनिक मुख्यालय होने के कारण यह क्षेत्र युद्ध लड़ने जैसे कार्यों के लिए व्यवस्थित नहीं था।
हालांकि, अब केंद्रीय क्षेत्र के लिए यहां अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही यूबी क्षेत्र को कोर मुख्यालय में परिवर्तित करना एक अच्छा कदम है। इससे चीन के साथ एलएसी पर बढ़ते विवाद के बीच परिचालन क्षमता मजबूत होगी।”
सेना चाहती है कि यूबी एरिया को 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के मध्य क्षेत्र की सुरक्षा के लिए एक ऑपरेशनल कोर में तब्दील किया जाए।
भारत और चीन पहले सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने पर सहमत हुए हैं, और हाल ही में सीमा मुद्दों को हल करने पर एक बैठक भी की है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने आगे कहा, “चीन सीमावर्ती क्षेत्रों की शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए भारत के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम मानते हैं कि भारत का कदम शांति की रक्षा के लिए अनुकूल नहीं है और तनाव कम करने के लिए भी ठीक नहीं है।”
भारत ने हिमालय से लगे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में चीन के साथ सटी 532 किमी (331 मील) सीमा की रक्षा के लिए अपनी पश्चिमी सीमा से 10,000 सैनिकों को तैनात किया है। इस कदम से भड़के चीन ने कहा, “सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत की सैन्य तैनाती में बढ़ोतरी से सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिति को शांत करने या इन क्षेत्रों में शांति तथा सुरक्षा कायम रखने में मदद नहीं मिलती है।”