मंदिरों में जमेगी 24 की सियासत; भगवान की शरण में नीतीश और पटनायक भी, भाजपा को राम से उम्मीद…
लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। सभी दल इसकी तैयारी में जुट गई है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 22 जनवरी को अयोध्या में…
लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। सभी दल इसकी तैयारी में जुट गई है।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के लोकार्पण की तैयारी में पूरे जोश के साथ जुट गई है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के द्वारा भी देश के सभी मंदिरों में इस दिन विशेष पूजा और आरती का आयोजन करने का आह्वान किया गया है।
भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति के जवाब में नीतीश कुमार और नवीन पटनायक भी भगवान की शरण में पहुंच चुके हैं।
भारतीय जनता पार्टी के द्वारा बीते कई लोकसभा चुनावों में राम मंदिर निर्माण को अपने घोषणापत्र में जगह दिया गया है।
बाबरी मस्जिद के साथ वर्षों से चली आ रही लड़ाई सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही खत्म हो गई। सराकर ने भी बिना देरी किए इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया था। बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति में राम मंदिर काफी फिट बैठती है। यही वजह है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार ने भी इसके लिए सरकार का खजाना खोल दिया है।
अयोध्या को नए सिरे से संवारा जा रहा है। बीजेपी ने भी राम मंदिर मुद्दे को लोकसभा चुनाव में भुनाने के लिए तैयारी कर ली है।
नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि वह राजनीति की हवा का रुख भांपने में माहिर हैं। जब से केंद्र में बीजेपी सत्ता में आई है, उन्होंने सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति से परहेज नहीं किया है।
पहले की तुलना में उन्होंने मंदिरों का अधिक दौरा किया है। साथ ही वह मजार और मस्जिदों की यात्रा करने से भी नहीं चूकते हैं।
हाल ही में उन्होंने सीतामढ़ी में सीता की जन्मभूमि पुनारौधाम में जानकी मंदिर परिसर में करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास कर बीजेपी को चौंका दिया। नीतीश कुमार को शायद इस बात का एहसास हो गया होगा कि राम मंदिर के उद्घाटन के साथ बिहार में बीजेपी पुनौराधाम को लेकर उन्हें घेरने की कोशिश करती।
बीजेपी की उग्र हिंदुत्व की राजनीति को ध्यान में रखते हुए उन्होंने पहले ही उन्होंने इस मुद्दे को हथिया लिया है।
आपको बता दें कि पुनौराधाम रामायण सर्किट का एक अहम हिस्सा है। बिहार सरकार मंदिर प्रांगण में स्थित सीताकुंड को विकसित कराने जा रही है। साथ ही पूरे परिसर का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा।
यहां मंदिर में ही सीता वाटिका और लव-कुश वाटिका का भी निर्माण होगा। बिहार सरकार यहां करीब 72 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। मंदिर परिसर में सुदंर वास्तुशिल्प से सुस्सजित दीवारें तैयार की जाएंगी।
मंडप और सड़क का निर्माण भी किया जाएगा। मंदिर में आने वाले स्थानीय और बाहरी श्रद्धालुओं के वाहनों लगाने के लिए अत्याधुनिक पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी।
राम मंदिर के उद्घाटन से ठीक पहले यानी 17 जनवरी को ओडिशा में जगन्नाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया जाएगा। ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (BJD) ने बहुप्रतीक्षित श्रीमंदिर परिक्रमा परियोजना की तैयारी पूरी कर ली है।
पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर के सौंदर्यीकरण के लिए 943 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। परिक्रमा परियोजना पूरा होने के करीब है।
इसके लिए चार धाम समेत 1000 से अधिक मंदिरों को न्यौता भेजा गया है। दुनियाभर के प्रमुख हिन्दू मंदिरों और नेपाल के राजा को भी निमंत्रण भेजा है।
अगले साल अप्रैल में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले यह काफी मह्तवपूर्ण है।