अंगूठी पहनने का है बहुत शौक, ज्यादा अंगूठियां दे सकती हैं अशुभ परिणाम, किस उम्र से धारण करें रत्न?
कई लोग अपने हाथों में एक या दो अंगूठी पहनते हैं. इनमें से कई बार एक सगाई की हो सकती है और दूसरी किसी ग्रह को शांत करने या शुभ…
कई लोग अपने हाथों में एक या दो अंगूठी पहनते हैं. इनमें से कई बार एक सगाई की हो सकती है और दूसरी किसी ग्रह को शांत करने या शुभ परिणाम के लिए किसी विशेष रत्न की हो सकती है. लेकिन, आपने कई ऐसे लोग भी देखे होंगे जिनकी हाथों की उंगलियां अंगूठियों से भरी होती हैं. एक ही हाथ में कई सारे रत्नों से जड़ी अंगूठी साफ तौर पर दिखाई देती हैं और कई लोग विशेष नग या सोना चांदी से बनी अंगूठी भी बहुत सारी पहनने का शौक रखते हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि, रत्न शास्त्र में सिर्फ रत्न जड़ित अंगूठियों के बारे में ही जानकारी नहीं दी गई है. बल्कि इस बात का उल्लेख भी मिलता है कि हाथ में कितनी अंगूठी पहनना चाहिए. क्योंकि, अंगूठी की संख्या से भी शुभ-अशुभ परिणाम मिल सकते हैं. आइए जानते हैं इनकी सही संख्या और परिणामों के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.
कितनी अंगूठियां पहनना चाहिए?
रत्न शास्त्र में अंगूठियों को पहनने संबंधित कई बातों का उल्लेख मिलता है, जिसके अनुसार 14 वर्ष से पहले के किसी भी बच्चे को रत्न धारण करने की मनाही होती है. इसके पीछे का कारण बच्चों द्वारा रत्न की शुद्धता ना बनाए रख पाना है. इसके अलावा किसी बीमार व्यक्ति को भी रत्न धारण करना वर्जित माना गया है.
पुरुषों को पहनना चाहिए सिर्फ इतनी अंगूठी
रत्न शास्त्र के अनुसार, पुरुषों को अपने हाथ में सिर्फ एक या अधिक से अधिक दो अंगूठी ही धारण करना चाहिए. इससे आपके काम हमेशा बनेंगे और आपको भाग्य का साथ भी मिलेगा और तरक्की भी खूब होगी. लेकिन, जब आप दो से अधिक अंगूठी पहनते हैं तो आपके काम बिगड़ने लगेंगे और आपको किसी भी कार्य में असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है.
महिलाओं के एक हाथ में हों इतनी अंगूठियां
वहीं यदि बात करें महिलाओं की तो रत्न शास्त्र में इनके लिए भी कुछ नियम बताए गए हैं, जिसके अनुसार इनके द्वारा तीन अंगूठी पहनना शुभ माना गया है. हालांकि, ध्यान रहे कभी भी आप अपने एक ही हाथ में तीन अंगूठियों को ना पहनें क्योंकि ऐसा करना भी आपके लिए अशुभ फल दे सकता है. इसलिए एक हाथ में दो या एक और अन्य दूसरे हाथ में अंगूठी पहनना चाहिए. इससे आपको कभी भी रत्न दोष या ग्रह दोष का सामना नहीं करना पड़ेगा.