रात को कोई नहीं ले सकता इस मंदिर में एंट्री, आती है डरावनी आवाज, नियम नहीं माना तो होगी अनहोनी

मथुरा: मंदिर में पूजा-पाठ करने के कुछ नियम होते हैं. मंदिर में एंट्री से लेकर आरती तक, हर एक समय तय होता है. लेकिन क्या आपने एक ऐसे मंदिर के…

रात को कोई नहीं ले सकता इस मंदिर में एंट्री, आती है डरावनी आवाज, नियम नहीं माना तो होगी अनहोनी

मथुरा: मंदिर में पूजा-पाठ करने के कुछ नियम होते हैं. मंदिर में एंट्री से लेकर आरती तक, हर एक समय तय होता है. लेकिन क्या आपने एक ऐसे मंदिर के बारे में सुना है, जहां लोगों को रात को जाने की अनुमति नहीं होती. यह मंदिर उत्तर प्रदेश के मथुरा में है. न महिला-न पुरुष, कोई भी इस मंदिर में रात को नहीं जा सकता है. यह अनोखा मंदिर रेत के टीले पर बना हुआ है.

 

इस मंदिर में रात को जाना है मना

मान्यता के अनुसार इस मंदिर में अगर कोई रात को रुकता है, तो उसके साथ अनहोनी हो जाती है. इस टीले पर रात में अजब-गजब आवाज आती है. मथुरा प्राचीन समय से ही मंदिर और टीलों का स्थान रहा है. मथुरा में ऐसे पांच टीले हैं, जो की कृष्ण-कालीन युग से चले आ रहे हैं. इन मिट्टी के टीलों की एक अपनी ही अलग मानता है. मथुरा के सुभाष इंटर कॉलेज के सामने बना है नाग टीला. नाग टीले का इतिहास यहां नाग वंश से जुड़ा हुआ है. टीले के प्रांगण में स्थित है, राधा कृष्ण का मंदिर. यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है.

 

सालों से चली आ रही है मान्यता

इस मंदिर की अपनी एक अलग एक पहचान है. मंदिर की मान्यता के बारे में जानकारी देते हुए मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां सैकड़ों साल पुराना मंदिर है. एक मान्यता शुरू से चली आ रही है. मान्यता के अनुसार शाम होते ही किसी स्त्री-पुरुष इस मंदिर में नहीं रुक सकते. मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां जो भी व्यक्ति रुकता है, उसके साथ अनहोनी हो जाती है. टीले के चारों तरफ से अजीबो गरीब आवाज आना शुरू हो जाती है. रात में यह टीला और भी सुनसान हो जाता है.

 

पुजारी करते थे टीले पर तपस्या

मंदिर के पुजारी ने यह भी बताया कि इस टीले पर साधु संत और ऋषि-मुनि तपस्या करते थे. यह टीला बहुत ही पवित्र स्थान माना गया है. अगर स्त्री-पुरुष इस टीले पर रात में रुकेंगे तो टीले की मर्यादा और मान्यता दोनों ही खंडित हो जाएगी. कृष्ण कालीन समय से ही इस टीले पर किसी भी महिला या पुरुष का एक साथ रुकना रात्रि में पूर्णत: वर्जित रखा गया है. यह टीला करीब 550 वर्ष पुराना है.