यूपी के इस मंदिर में हैं 1 लाख से ज्यादा घंटे…यहां मांगी हर मन्नत होती है पूरी! दर्शन के लिए लगती है भारी भीड़

बरेली: नाथ नगरी बरेली में आदि देव महादेव के कई सारे मंदिर हैं. इसी में से एक है 84 घंटा मंदिर. यह मंदिर बरेली के बदायूं रोड सुभाष नगर की…

यूपी के इस मंदिर में हैं 1 लाख से ज्यादा घंटे…यहां मांगी हर मन्नत होती है पूरी! दर्शन के लिए लगती है भारी भीड़

बरेली: नाथ नगरी बरेली में आदि देव महादेव के कई सारे मंदिर हैं. इसी में से एक है 84 घंटा मंदिर. यह मंदिर बरेली के बदायूं रोड सुभाष नगर की चुंगी के पास है. यहां पर सावन के महीने में काफी विशेष पूजा अर्चना की जाती है. कहा जाता है कि जितने भी कावड़ यात्री कछल धाम से बरेली जल लेकर आते हैं, वह 84 घंटा मंदिर स्थित महादेव पर जल अर्पित कर अपनी मनोकामना मांगते हैं. लोगों के बीच यह मंदिर बहुत खास जगह रखता है.

84 घंटा मंदिर की मान्यता
84 घंटा मंदिर में भक्त मनोकामना पूर्ण होने के बाद घंटा माता के चरणों में घंटा चढ़ाते हैं. यह मंदिर भक्तों के दर्शन करने के लिए सुबह 4:00 खुलता है. 12:00 बजे सफाई के लिए बंद हो जाता है. फिर इसके बाद 2:00 से  रात 10 बजे तक भक्तों के लिए मंदिर खुला रहता है.  84 घंटा मंदिर में अब तक लगभग 1,85,484 घंटे भक्तों ने माता के चरणों में चढ़ाएं हैं. इस मंदिर में भगवान शिव के साथ, हनुमान जी, बाबा भैरवनाथ, साईं बाबा के साथ-साथ, राधा कृष्ण , विष्णु भगवान जैसे कई भगवान विराजमान हैं.

इस मंदिर में हर मन्नत होती है पूरी
84 घंटा मंदिर के व्यवस्थापक रविंद्र मोहन गर्ग ने लोकल 18 से खास बातचीत के दौरान बताया कि इस मंदिर में कोई भी भक्त अगर सच्चे दिल से मन्नत मांगता है, तो उसकी मनोकामना माता अवश्य पूरी करती हैं. यहां भक्त काफी दूर दराज से मन्नत मांगने आते हैं. विशेश्वर बरेली जिले के आसपास के सभी जिलों के प्रमुख लोग बरेली कासगंज, मथुरा के लोग भी यहां पूजा-पाठ करने आते हैं. 84 घंटा मंदिर में आए भक्तों ने खास बातचीत के दौरान बताया कि वे उनकी मनोकामना पूरी होने के बाद माता को चढ़ावे के रूप में एक घंटा अर्पित करते हैं.

हर दिन होती है आरती
शाम 4:00 से 6:00 बजे तक इस मंदिर में आरती होती है. इस दौरान भक्तों को माता के चरण छूने का और उनके दर्शन करने का मौका मिलता है. माता रानी के दरबार में भक्तों की लंबी कतार लगती है. यहां भक्त बहुत दूर तरह से आते हैं. कई भक्त बरेली, बदायूं , पीलीभीत, मथुरा, कासगंज और इटावा जैसे कई-कई जगहों से लोग मंदिर में  दर्शन करने आते हैं.