गौमाता को राष्ट्र माता घोषित करने सनातनी प्रेमियों को आना होगा आगे : ब्रह्मचारी मुकुंदानंद
रायपुर सनातन धर्म में वेद, उपनिषद, पुराणों सहित समस्त धर्म शास्तों में गो की महिमा है। गाय को पशु नहीं अपितु माता की प्रतिष्ठा दी गई है यही सनातन धर्मी…
रायपुर
सनातन धर्म में वेद, उपनिषद, पुराणों सहित समस्त धर्म शास्तों में गो की महिमा है। गाय को पशु नहीं अपितु माता की प्रतिष्ठा दी गई है यही सनातन धर्मी हिंदुओ की पवित्र भावना है। इसी धार्मिक आस्था के लिए संविधान एवं कानून में गाय को राज्य सूची से हटाकर केंद्रीय सूची में डालकर गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने तथा गौहत्या मुक्त भारत बनाने के लिए गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा की शुरूआत 22 सितंबर को अयोध्या से होने जा रही है जिसका समापन 26 अक्टूबर को देश की राजधानी नई दिल्ली में होगा जहां तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। छत्तीसगढ़ में यह यात्रा 8 अक्टूबर को प्रवेश करेगी जिसमें ज्योर्तिमठ के परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज राजधानी रायपुर में गो ध्वज की स्थापना करेंगे और एक जनसभा को संबोधित करेंगे, इसके बाद वे मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो जाएंगे।
राजधानी रायपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए यात्रा के संयोजक ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने कहा कि गौमाता को राष्ट्र माता घोषित कराने के लिए सभी सनातनी प्रेमियों को आगे आना होगा, जब तक वे आगे नहीं आएंगे तब तक केंद्र में कोई भी सरकार हो वे गौ माता को राष्ट्र माता घोषित नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्त से ही निरन्तर गौमाता की प्रतिष्ठा एवं रक्षा के प्रयास होते रहे है जिसमें 1966 के धर्म सम्राट यतिचक्रचूडामणि पूज्य करपात्री जी महाराज जी के नेतृत्व में हुआ प्रचलित गौरक्षा आंदोलन है जिसके लिए हजारों गौभक्तों का बलिदान हुआ था।
इसी क्रम में गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाकर गोहत्या मुक्त भारत बनाने के लिए परम गोभक्त पूज्य गोपाल मणि ने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन का नेतृत्व कर देशभर में इसे जीवन्त रखा तथा इस पवित्र अभियान में चारो पीठों के जगद्गुरु शंकराचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त किया। चारो पीठों के पूज्य जगद्गुरू शंकराचार्यों द्वारा अभिबिंचित एवं समर्थित गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने एवं गौहत्या बंदी कानून हेतु देश में गौ संसद का आयोजन हुआ जिसमें रामा गौ प्रतिष्ठा संहिता बिल सहित 42 बिंदु का धमार्देश भी पारित किया जा चुका है। इसी तरह गौ घृत की ज्योति को प्रकाशित कर ज्योर्तिमठ के परम पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज संपूर्ण भारत में गौ प्रतिष्ठा आंदोलन के अंतर्गत गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा की शुरूआत 22 सितंबर से 26 अक्टूबर तक कर रहे है इस दौरान वे 37 प्रदेशों की राजधानियों तक जाएगी तथा वहां एक गो ध्वज की स्थापना करेंगे।
इस दौरान प्रतिष्ठा आंदोलन के संयोजक पूज्य गोपाल मणि जी महाराज भी उनके साथ हर कदम में साथ रहेंगे। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर होते हुए यह यात्रा 8 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में प्रवेश करेगी और राजधानी में ध्वज स्थापना करने के बाद मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के लिए रवाना हो जाएगी। पत्रकारवार्ता के दौरान सह- संयोजक गोभक्त विकास पाटनी, प्रदेश यात्रा संयोजक ओमप्रकाश शर्मा, प्रदीप साहू उपस्थित थे।