महादेव सट्टा एप का ओटीपी सेंटर चलाने वाले तीन को दबोचा, 100 फोन और 500 सिम कार्ड जब्त
रायपुर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने महादेव सट्टा एप के ओटीपी सेंटर संचालित करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए बिहार और छत्तीसगढ़ के तीन सेंटर…
रायपुर
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने महादेव सट्टा एप के ओटीपी सेंटर संचालित करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए बिहार और छत्तीसगढ़ के तीन सेंटर संचालक प्रमुख दुबई में बैठे महादेव सट्टा के प्रमोटर के लिए सेतू का काम करते थे। भिलाई निवासी अतुल सिंह, विश्वजीत राय और बिहार के रोहतास निवासी भारत ज्योति पांडेय को गिरफ्तार किया गया है।
ओटीपी सेंटर का भंडाफोड़ करने जांच एजेंसी ने राज्य के अलावा बिहार, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के एक दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की। गिरफ्तार आरोपियों के तार सीधे दुबई से जुड़े हुए हैं। इनके कब्जे से 100 से ज्यादा मोबाइल फोन, लैपटॉप के साथ 500 से अधिक सिम कार्ड जब्त किए गए हैं। ईओडब्ल्यू ने आरोपियों को छह दिन की रिमांड पर लिया है।
जांच एजेंसी के अनुसार, देशभर में चलने वाले पैनल से जुड़े हुए वाट्सएप नंबर अलग-अलग राज्यों में सेंटर बनाकर रखे गए हैं, जिन्हें ओटीपी सेंटर के नाम से जाना जाता है। इन्हें फिजिकल सिम को रिचार्ज करने और ओटीपी प्राप्त करने के लिए रखा गया है, जबकि इन नंबरों का वाट्सएप दुबई के हेड ऑफिस से ऑपरेट किया जाता है।
इन नंबरों को महादेव बुक से जुड़े हुए अलग-अलग प्लेटफार्म रेड्डी अन्ना, फेयर प्ले, लोटस, लायन बुक, डायमंड बुक, सीबीटीएफ बुक, अंबानी बुक आदि के कस्टमर केयर नंबर के नाम से जाना जाता है। इन नंबरों के वाट्सएप में मैसेज करने से ऑटो जनरेटेड मैसेज प्राप्त होते हैं कि किस एकाउंट में पैसे भेजने हैं? कैसे सट्टा खेलने के लिए आईडी मिलेगी?।
राशि भेजने कार्पोरेट अकाउंट
ओटीपी सेंटर चलाने वाले दुबई रकम ट्रांसफर करने ऊंची कमीशन पर कॉर्पोरेट बैंक खाते (ऐसे बैंक खाते, जिनमें अनलिमिटेड यूपीआई पेमेंट हो सकते हैं) भी दिए जाते थे। पुलिस के साथ जांच एजेंसी ने अब तक महादेव सट्टा के आरोप में जिन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनके द्वारा सेविंग और करंट अकाउंट से पैसे ट्रांसफर किए जाते रहे हैं।
500 पैनल की मिली जानकारी
आरोपियों से देशभर में संचालित महादेव सट्टा के पांच सौ पैनल ऑपरेटर से जुड़े होने की जानकारी मिली है। जांच एजेंसी की इस तरह की यह पहली कार्रवाई है, जिसमें किसी सेंटर के माध्यम से पैनल से जुड़े नेटवर्क के बारे में जानकारी मिली है।