खुल गया नागलोक, सिर्फ 10 दिन होंगे इस दुर्लभ जगह के दर्शन, जंगल में रास्ता, जहरीले सांप मिलेंगे
नर्मदापुरम. सतपुड़ा के खतरनाक जंगलों के बीच नागलोक है, जो साल में एक बार सिर्फ 10 दिन के लिए खुलता है. मान्यता है कि यहां विषैले विषधर हैं, लेकिन इन…
नर्मदापुरम. सतपुड़ा के खतरनाक जंगलों के बीच नागलोक है, जो साल में एक बार सिर्फ 10 दिन के लिए खुलता है. मान्यता है कि यहां विषैले विषधर हैं, लेकिन इन 10 दिन में ये किसी को नुकसान नहीं पहुंचते. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अलावा अन्य प्रदेशों से भी नागलोक के दर्शन करने श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को दुर्गम मार्ग से गुजरना पड़ता है, इसलिए इसे मध्य प्रदेश का अमरनाथ भी कहा जाता है.
यहां पहुंचने से पहले श्रद्धालु को दो दिन तक खतरनाक जंगल और सांपों के बीच से निकालना पड़ता है. मध्य प्रदेश का अमरनाथ कहे जाने वाले नागलोक की यात्रा 1 अगस्त से शुरू हो गई है. श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए सभी पॉइंट्स पर व्यवस्था की गई है. इस यात्रा के दौरान कोई भी वाहन मालिक भक्तों से मनमाना किराया वसूल न कर सके, इसलिए जिला प्रशासन ने किराया निर्धारित किया है.
10 दिन के लिए खुलता है नागलोक
सतपुड़ा के घने जंगलों के बीच विराजित नाग चंद्रशेखर का मंदिर है, जो 10 दिन के लिए सावन के महीने में ही खोला जाता है. जंगलों के बीच इस कठिन यात्रा के कारण इसे मध्य प्रदेश का अमरनाथ कहा जाता है. जंगल के बीच का रास्ता इतना दुर्गम है कि यहां पर सैकड़ों प्रजाति के सांप और नागों के दर्शन होते हैं, लेकिन खास बात ये कि ये सांप किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के इलाके में होने की वजह से साल में सिर्फ पूजा और दर्शन के लिए सावन के महीने में 10 दिन के लिए इसे खोला जाता है. बाकी पूरे साल यहां आना-जाना बंद रहता है.
नागों की बस्ती से होकर गुजरते हैं श्रद्धालु
इस यात्रा के बीच में श्रद्धालुओं को सांपों की बस्ती से होकर गुजरना पड़ता है, जिसमें कई जहरीले सांप और नाग के दर्शन होते हैं, लेकिन वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. इस यात्रा में पैदल चलने के दौरान दो दिन का समय लगता है. घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच करीब 12 से 15 किलोमीटर का पैदल सफर करने के बाद श्रद्धालु को नाग चंद्रशेखर मंदिर के दर्शन हो पाते हैं. जंगल के बीच से गुजरने के बाद करीब 100 फीट लंबी चिंतामणि की गुफा से भक्त गुजरते हैं और उसके बाद फिर करीब 35 फीट लंबी गहरी और अंधेरी गुफा से होकर गुजरने के बाद नागलोक में नाग देवता के दर्शन हो पाते हैं.
10 अगस्त तक खुले रहेंगे द्वार
1 से 10 अगस्त तक नागद्वारी की गेट खुले रहेंगे और इस दौरान मध्य प्रदेश समेत महाराष्ट्र और देश के कई राज्यों से श्रद्धालु नागलोक में दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यात्रा के दौरान कोई भी वाहन मालिक भक्तों से मनमाना किराया वसूल न कर सके, इसलिए जिला प्रशासन ने किराया सूची जारी की है. बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए जिन कठिनाइयों से होकर गुजरना पड़ता है. ठीक उसी तरह की कठिनाई नागद्वारी की यात्रा में भी भक्तों को मिलती है. इसलिए इस यात्रा को भी मध्य प्रदेश का अमरनाथ कहा जाता है.