बिजली कंपनियों का टारगेट फंसा पोर्टल में

भोपाल । प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत पोर्टल पर हजारों आवेदन अटके हुए हैं, जिससे कई लाभार्थियों को योजना का लाभ प्राप्त करने में देरी हो रही है। यह योजना…

बिजली कंपनियों का टारगेट फंसा पोर्टल में

भोपाल । प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत पोर्टल पर हजारों आवेदन अटके हुए हैं, जिससे कई लाभार्थियों को योजना का लाभ प्राप्त करने में देरी हो रही है। यह योजना देशभर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, ताकि नागरिकों को स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा उपलब्ध कराई जा सके। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के तहत, आवेदकों को अपने घरों में सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है। हालांकि, आवेदन प्रक्रिया में तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों के कारण हजारों आवेदन लंबित पड़े हुए हैं। इससे लाभार्थियों में असंतोष और निराशा बढ़ रही है। पोर्टल पर आवेदन करने वाले कई लाभार्थियों ने शिकायत की है कि पोर्टल बार-बार क्रैश हो रहा है, जिससे वे अपने आवेदन सबमिट नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा, पोर्टल में आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने में भी समस्याएं आ रही हैं। इससे सोलर प्लांट लगाने के लिए बिजी कंपनियों ने जो टारगेट बनाया है, वे उसमें पिछड़ सकती हैं।

पोर्टल में तकनीकी खराबी होने से सोलर प्लांट लगाने का काम अटका

पोर्टल में तकनीकी खराबी होने से मप्र की बिजली कंपनियां सोलर प्लांट के इंस्टॉलेशन में पिछड़ती जा रही हैं। पोर्टल में तकनीकी खराबी होने से आवेदन के बाद की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाती है। अब नए आवेदक भी सोलर प्लांट के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में बिजली कंपनियों को अब टारगेट पूरा करना मुश्किल हो रहा है। पूरी प्रक्रिया होने के बाद भी 4094 सोलर प्लांट के लगने का काम अटक गया है। पीएम सूर्यघर योजना के तहत प्रदेश सहित देशभर में सोलर प्लांट लगाए जाने का अभियान चल रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार से सब्सिडी की राशि भी बढ़ा दी है।   मुख्य महाप्रबंधक नान कन्वेशनल एनजी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि सोलर प्लांट का पूरा काम ऑनलाइन हो रहा है। ऑनलाइन पोर्टल में पिछले कई महीनों से खराबी बनी हुई है। इसको लेकर कई बार शिकायत कर चुके है। अब दो इंजीनियरों की नियुक्ति की गई है। इससे कुछ समाधान हो सकता है।

अब तक 1990 सोलर प्लांट इंस्टॉल


मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र में 6484 आवेदन आए हैं। इनमें से सिर्फ 1990 सोलर प्लांट अब तक इंस्टॉल हो पाए है। 4 हजार से ज्यादा सोलर प्लांट पोर्टल की समस्या के चलते अटके पड़े हैं। इनमें से ज्यादातर की राशि भी वेंडर्स के पास जमा है। गौरतलब है कि सब्सिडी की राशि बढ़ाए जाने के बाद से आवेदन करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन सोलर प्लांट को इंस्टॉल करने में वेंडर को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। इसकी वजह यह है कि सोलर प्लांट इंस्टॉल का पूरा काम ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होता है। देशभर में सोलर प्लांट लगाए जाने का अभियान चल रहा है। इससे पोर्टल में हर कभी तकनीकी खराबी आ जाती है। इससे सोलर प्लांट को इंस्टॉल करने का काम रुक जाता है। पोर्टल की तकनीकी खराबी को दूर करने के लिए अब केंद्र ने दो इंजीनियरों की नियुक्ति हर कंपनी में कर दी है। इससे कंपनी के अंतर्गत आने वाली पोर्टल संबंधी समस्याओ का निराकरण अब इंजीनियर दूर करेंगे। इससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है। प्रदेश में सोलर प्लांट लगाए जाने का अभियान शुरू होने के बाद से इनकी संख्या में इजाफा हुआ है। अगर पोर्टल की समस्या नहीं होती तो अब तक सोलर प्लांट की संख्या दोगुनी हो जाती है। अभी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के कार्यक्षेत्र में 10 हजार से ज्यादा सोलर प्लांट लग है। इनमें 7 हजार से ज्यादा सोलर प्लांट भोपाल में लगे हैं। इसके अलावा ग्वालियर में भी करीब 2 हजार सोलर प्लांट लग चुके है।