ईद पर फिर हमले की तैयारी में इजरायल, इस बार फिलिस्तीनियों को दर्द भी देगा और दवा भी; कैसे…
ईद के मौके पश्चिम एशिया में चल रही इजरायल और हमास की जंग के मिठास में तब्दील होने की उम्मीद थी, लेकिन अब ये धूमिल होती दिख रही हैं। एक…
ईद के मौके पश्चिम एशिया में चल रही इजरायल और हमास की जंग के मिठास में तब्दील होने की उम्मीद थी, लेकिन अब ये धूमिल होती दिख रही हैं।
एक तरफ इजरायल ने हमास के ठिकानों वाले शहर राफा पर हमले का प्लान तैयार कर लिया है तो वहीं हमास ने बातचीत के प्रस्ताव पर ही सवाल उठा दिए हैं।
इजरायल और हमास को मिस्र ने वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।
इसके चलते उम्मीद की जा रही थी कि अगले कुछ दिनों यानी ईद के आसपास ही युद्ध विराम पर बात बन सकती है और हमास यहूदी बंधकों को रिहा कर सकता है। पर अब नए घटनाक्रम ने युद्ध को थामने की बजाय आगे बढ़ने के संकेत दे दिए हैं।
इस बीच इजरायल एक और कदम उठा रहा है, जिससे राफा पर वह हमला करे तो सवाल न उठें। वह 40 हजार टेंट खरीद रहा है ताकि हमला करने पर राफा से पलायन करने वाले लोगों को शरण दी जा सके। राफा शहर गाजा के एकदम दक्षिणी क्षेत्र में स्थित है।
इजरायल का कहना है कि राफा पर हमले के बिना उसका बदला पूरा नहीं होगा क्योंकि अब हमास के आतंकियों ने वहीं पर अपने ठिकाने बना लिए हैं। इसके अलावा बंधक बनाए गए इजरायलियों को भी वहीं रखा गया है।
राफा में करीब एक 10 लाख लोगों की आबादी है यानी गाजा की आधी आबादी अकेले राफा में ही बसती है। यह संकट इसलिए भी गहरा गया है कि जब इजरायल ने उत्तरी गाजा के इलाकों पर हमले किए तो बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी राफा चले गए थे।
अब वहां भी हमला होगा तो उन लोगों को फिर से संकट का सामना करना होगा। हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इजरायल के इस नए प्लान को लेकर भी नाराजगी है।
पिछले दिनों सहायता कार्य में लगे वर्करों की मौत पर अमेरिका और ब्रिटेन ने आपत्ति जताई थी। अमेरिका का कहना है कि राफा पर अटैक करना भी ठीक नहीं होगा।
इजरायल बोला- हमले से पहले नागरिकों को निकाल लेंगे
इजरायल का कहना है कि हम हमले से पहले आम नागरिकों को निकाल लेंगे। इसलिए 40 हजार टेंट की खरीद के लिए टेंडर जारी किए गए हैं।
वहीं हमास को जंग की आहट है तो उसने मिस्र की ओर से बुलाई मीटिंग पर भी सवाल उठा दिए हैं। उसका कहना है कि जब इजरायल युद्ध पर नए सिरे से तैयारी कर रहा है तो इसकी क्या जरूरत बची है।
गौरतलब है कि इस जंग में अप्रत्यक्ष तौर पर तुर्की भी कूद गया है। उसने इजरायल को 54 चीजों के निर्यात करने पर रोक लगा दी है। इनमें सीमेंट और सरिया जैसी निर्माण के लिए अहम चीजें भी शामिल हैं।