पहली बारिश जलभराव के कारण खुली, सागर नगर निगम के दावों की पोल

सागर ।   सागर शहर में सोमवार की देर शाम शुरू हुई बारिश कहीं राहत तो कहीं आफत का सबब बन गई। बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे। लोगों को…

पहली बारिश जलभराव के कारण खुली,  सागर नगर निगम के दावों की पोल

सागर ।   सागर शहर में सोमवार की देर शाम शुरू हुई बारिश कहीं राहत तो कहीं आफत का सबब बन गई। बारिश होने से किसानों के चेहरे खिल उठे। लोगों को चिपचिपी उमस भरी भीषण गर्मी से निजात मिली। वातावरण में घुली ठंडक ने मौसम खुशगवार बना दिया। तो वहीं दूसरी तरफ शहर की निचली वस्तियों में रहने वाले लोगों के घरों में बारिश का पानी भर गया। बस्तियों की गलियों ने छोटे नालों का रूप धर लिया। शहर के शास्त्री वार्ड संत रविदास वार्ड सहित शहर के अधिकांश हिस्सो में जलभराव देखा गया। बाजारों में दुकानों और लोगों के घरों में पानी भर गया।

फेल हुए नगर निगम के दावे

मानसून के आने के पूर्व नगर निगम तथा स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने इस बार बारिश में जलभराव रोकने तथा बेहतर प्रबंधन के तमाम दावे किए थे। शहर में मानसून पूर्व की तैयारियों को लेकर आए दिन बैठकों का दौर चला। व्यवस्था सुधारने के तमाम दावे निराधार साबित हुए और पहली तेज बारिश ने इन दावों की पोल खोल दी। नगर निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने कहा था कि इस बारिश में शहर में कहीं भी जल भराव की स्थिति नहीं होगी, लेकिन कल शाम से शुरू हुई बारिश में सभी दावे फेल हो गए। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि लोगों के घरों में ओर गलियों में किस तरह से पानी भरा है।

शहर को जलभराव से बचाने फूंके गए करोड़ों रुपये

शहर को स्मार्ट बनाने के लिए 1800 करोड़ रुपये फूंक दिए गए। इसमें 52 करोड़ रुपये का खर्च स्टॉम वाटर प्रोजेक्ट के तहत नाले-नालियों के निर्माण में खर्च किए गए, ताकि जलभराव की स्थिति न बने। शहर में महज एक घंटे की बारिश में ही स्मार्ट सिटी की स्मार्टनेस धरी की धरी रह गई। शहर के मुख्य बाजारों में घुटने-घुटने तक पानी भर गया।

सागर शहर में सोमवार की शाम से मंगलवार की सुबह तक सागर में 142.8 मिमी बारिश हो चुकी है। सीजन की औसत बारिश अभी 32.8 प्रतिशत हुई है जो गत वर्ष की तुलना में अभी 24.8 प्रतिशत कम है। मौसम विभाग की माने तो बारिश का ये दौर जारी रहेगा।