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भारत की धार्मिक भिन्नता की एक झलक रामपुर शहर में भी देखने को मिलती है. वैसे तो रामपुर शहर मुस्लिम बाहुल्य शहर है, लेकिन यहां धार्मिक धरोहरों को संजो कर…
भारत की धार्मिक भिन्नता की एक झलक रामपुर शहर में भी देखने को मिलती है. वैसे तो रामपुर शहर मुस्लिम बाहुल्य शहर है, लेकिन यहां धार्मिक धरोहरों को संजो कर रखा गया है. जिनके पीछे कई पौराणिक कथाएं और रोचक तथ्य छिपे होते हैं. रामपुर मिस्टन गंज स्थित मंदिर वाली गली के नाम से प्रसिद्ध महादेव के मंदिर का भी अपना अलग इतिहास है. यह मंदिर 204 साल पुराना है.
श्रद्धालु सौरव पाठक के मुताबिक यहां रियासत के ज्योतिषाचार्य पंडित दत्तराम जी रहते थे. उस समय इस क्षेत्र में वर्ष 1820 में सूखा पड़ गया था. तब रियासत के ज्योतिषाचार्य पंडित दत्ताराम जी ने बारिश के लिए वरुण देव की पूजा और पर्यावरण को समर्पित यज्ञ-हवन किया. जिसके बाद हवन-यज्ञ का पूरा असर दिखा और ऐसा चमत्कार हुआ कि क्षेत्र में जमकर बारिश शुरू हो गई. देर तक मूसलाधार बारिश हुई और फिर पंडित दत्तराम जी के आग्रह पर इस मंदिर का निर्माण कराया गया और विधि विधान के साथ हवन पूजन कर इस मंदिर में सफेद शिवलिंग स्थापित किया गया. इस मोहल्ले के नाम भी इस मंदिर के नाम पर मंदिर वाली गली पड़ गया.
यहां दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यहां शिवलिंग पर 40 दिन दीपक जलाने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मंदिर में आने वाले श्रद्धालु यहां आकर घी का दिया जलाते हैं और जो भी श्रद्धालु इस मंदिर में एक बार दर्शन के लिए आता है फिर मनोकामना पूरी होने पर वापस जरूर आता है.