कोलकाता के दर्जी…जापानी मोती और सूरत के कपड़े, 2 लाख का विशेष पोशाक पहनेंगे भगवान जगन्नाथ
धार्मिक नगरी उज्जैन में हर पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. अवंतिका नगरी को देवताओं की नगरी भी कहते हैं. हर साल देवास रोड स्थित इस्कॉन मंदिर से भगवान जगन्नाथ…
धार्मिक नगरी उज्जैन में हर पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. अवंतिका नगरी को देवताओं की नगरी भी कहते हैं. हर साल देवास रोड स्थित इस्कॉन मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाती है. इस यात्रा से पहले भगवान के लिए खास पोशाक तैयार की जाती है. बता दें कि 7 जुलाई को भगवान जगन्नाथ, बलभद्रजी और सुभद्रादेवी की रथ यात्रा निकाली जाएगी. यात्रा से पहले तीनों भगवान की पोशाक पर अंतिम काम चल रहा है. खास बात ये है की ये कोई आम पोशाक नहीं है. भगवान जग्गनाथ बलभद्रजी और सुभद्रादेवी के लिए मुम्बई जापान दिल्ली से मंगाए गए कपड़े और मोती और विशेष धागे से वस्त्र तैयार किये जा रहे हैं. जिनकी कीमत लगभग 2 लाख रुपए बताई जा रही है. हर साल कि तरह इस ड्रेस को बनाने के लिए कोलकाता से कारीगर बुलाए गए है.
कोलकाता से आए हैं परिधान
कोलकाता से आए कलाकार ख़ुश खाजराह 10 साल से उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में भगवान कि विशेष पोशाक तैयार करने आ रहे है. उन्होंने बताया कि ड्रेस तैयार करने में 25 से 30 दिन का समय लग गया. 8 कारीगर दिन-रात जुटे हुए हैं. भगवान जगन्नाथ, बलभद्रजी और सुभद्रादेवी के लिए इस बार रामा ग्रीन रंग के कपडे से ड्रेस तैयार की जा रही है. जिसमें सूरत का सिल्क कपडा 15 मीटर, दिल्ली से आया हाई क्वालिटी मोती, रेशम धागा, सितारे के साथ ख़ास सफेद वर्क किया जा रहा है. इनके साथ ही निल माधव की ड्रेस भी तैयार होगी. इस बार भगवान के अलग-अलग तीन रथ में दर्शन देंगे.
देसी-विदेशी फूलों से सजावट
पीआरओ राघव पंडितदास ने बताया कि इस्कॉन मंदिर को क्विंटल देसी-विदेशी फूलों से आकर्षक सजावट की जाएगी. साथ ही जिस रथ में भगवान के विग्रहों को विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जाएगा. वह भी फूलों से पटा नजर आएगा. इतना ही नहीं रथ यात्रा से लौटकर भगवान मंदिर में नहीं, बल्कि मौसी के घर जाएंगे. जहां वे ठहरेंगे उसे गुंडीचा कहा जाता है. इसलिए फूलों की आकर्षक सजावट वहां भी की जाएगी. बता दें कि ने सात दिन तक प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे.