जबलपुर का डुमना एयरपोर्ट व मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर रानी दुर्गावती के नाम से जाना जाएगा, सीएम मोहन यादव की घोषणा
रानी दुर्गावती के 461 वें बलिदान दिवस समारोह में मुख्यमंत्री सीएम डॉ मोहन यादव ने मंच से की घोषणा जबलपुर एयरपोर्ट व प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर रानी दुर्गावती के…
रानी दुर्गावती के 461 वें बलिदान दिवस समारोह में मुख्यमंत्री सीएम डॉ मोहन यादव ने मंच से की घोषणा जबलपुर एयरपोर्ट व प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर रानी दुर्गावती के नाम से जाना जाएगा। मंडला जबलपुर के बीच स्टेडियम भी बनेगा। मुख्यमंत्री बोले- भारत वर्ष को गौरवांवित करने वाला है रानी दुर्गावती का व्यक्तित्व।हमारी सरकार की पहली कैबिनेट हमने संस्कारधानी में की थी। ये हमारी रानी के प्रति सम्मान का प्रतीक था। रानी ने 52 युद्ध लड़े, समाज के सामने कई बातें सामने आनी बाक़ी हैं। रानी ने मुग़लों और अंग्रेजों की हर चाल का जवाब दिया। हमने तय किया है कि रानी का चरित्र हम दुनिया के सामने ले जाएंगे। स्कूली पाठ्यक्रम से लेकर हर ज़रूरी कदम उठाएंगे। हर माह कोई न कोई आयोजन होगा। सीएम बोले- मंडला और जबलपुर के बीच एक बड़े अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की भारत सरकार से मांग रखी है। भारतवर्ष को गौरवान्वित करने वाला उनका व्यक्तित्व था ऐसी रानी दुर्गावती को नमन है। भारत की हजारों साल से विशेष पहचान है, 500 साल का इतिहास जब रानी माता दुर्गावती और महाराणा प्रताप भी अभियान चला रहे थे। रानी दुर्गावती का शौर्य, अदम्य, सुशासन का स्वर्णिम इतिहास है। पाठ्यक्रम से लेकर सेमिनार, आयोजनों के माध्यम से रानी दुर्गावती का चारित्र पूरी दुनिया के सामने ले जाएंगे। शेर शाह सूरी ने भी यहां आकर घुटने टेके, अकबर की सेना को तीन बार धूल चटाई ये लोगों तक पहुंचाना, सहयोगी के नाम पर अधारताल, सहायिका के नाम पर चेरीताल। विधायक अभिलाष की मांग पर माढ़ोताल, हनुमान ताल के उन्नयन की बात कही। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह बोले- 52 गढ़ की मालकिन होते हुए भी प्रजा के लिए मां थीं, इतिहास में उनके साथ न्याय नहीं हुआ, देश के प्रधानमंत्री उनके कार्यक्रम में शामिल हुए थे, वही परंपरा मुख्यमंत्री यादव आगे बढ़ा रहे हैं। 23 हजार गांव चिन्हित किए थे जिनमें उन्हें पता था कहां कौन सी फसल होगी। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि रानी दुर्गावती को बताया समाज के लिए गौरव हैं। यहां पानी के लिए वीरांगना ने कई सारे जल स्त्रोत बनाए। लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गई थी यह वही स्थान है, जहां आज उन्हें हम नमन करने आए हैं। मुख्यमंत्री बोले-मध्य प्रदेश में इन्ही के नाम पर पहली कैबिनेट की बैठक भी जबलपुर में आयोजित की गई थी। गोंडवाना साम्राज्य में जितने भी जल स्रोत हैं वह रानी दुर्गावती ने ही बनाए थे। समाधि स्थल पर मुख्यमंत्री का स्वागत बैगा आदिवासी नर्तक दल ने बैगा नाचा नृत्य से किया। मुख्यमंत्री को आदिवासी नर्तकों ने खुमरी पहनाई। डॉ यादव भी इस मौके पर कुछ अलग अंदाज में नजर आये । उन्होंने मोहगांव, मंडला से आये इन आदिवासी नर्तकों के साथ मादल की थाप पर नृत्य किया। डॉ यादव ने खुद पहले नगाड़े पर थाप दी। समाधि स्थल से प्रस्थान करते समय मुख्यमंत्री डॉ यादव बैगा नर्तक दल के सदस्यों से आत्मीयता से मिले। उन्होंने दल में शामिल कलाकारों को पांच-पांच हजार रुपये देने की घोषणा भी की ।
पगड़ी पहन कर मुख्यमंत्री ने आदिवासियों के साथ सैला नृत्य भी किया
समाधि स्थल पर मुख्यमंत्री ने पौधा रोपण किया। पगड़ी पहन कर मुख्यमंत्री ने आदिवासियों के साथ सैला नृत्य भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 500 वर्ष पहले एक ऐसी वीरांगना ने जन्म लिया जिसने भारत का मान बढ़ाया। रानी दुर्गावती 461 वें बलिदान दिवस पर पूरे प्रदेश में जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। कार्यक्रम स्थल पर रानी दुर्गावती पर केंद्रित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। वीरांगना रानी दुर्गावती बलिदान दिवस कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह, लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल और संस्कृति राज्य मंत्री धमेन्द्र सिंह लोधी भी उपस्थित रहे।