मौत के एक साल बाद भी वैगनर ग्रुप के संस्थापक प्रिगोझिन की लोकप्रियता बरकरार, लोग बोले- वह महान व्यक्ति
रूस के खूंखार वैगनर ग्रुप के संस्थापक येवगेनी प्रिगोझिन की मौत को एक साल का समय पूरा होने वाला है। एक समय बगावत का बिगुल फूंकने वाले प्रिगोझिन और उनके…
रूस के खूंखार वैगनर ग्रुप के संस्थापक येवगेनी प्रिगोझिन की मौत को एक साल का समय पूरा होने वाला है। एक समय बगावत का बिगुल फूंकने वाले प्रिगोझिन और उनके वैगनर ग्रुप के भाड़े के सैनिकों ने राजधानी मॉस्को की तरफ चढ़ाई शुरू कर दी थी, लेकिन अब राजधानी मॉस्को में ही कई लोगों ने उनकी तारीफ की और उन्हें महान व्यक्ति करार दिया। उल्लेखनीय है कि प्रिगोझिन ने 23-24 जून 2023 को बगावत का एलान करते हुए अपने सैनिकों को मॉस्को की तरफ कूच का आदेश दिया था, लेकिन इसके दो महीने बाद ही येवगेनी प्रिगोझिन की एक रहस्यमयी हवाई जहाज दुर्घटना में मौत हो गई थी।
उल्यानोव ने बताया- महान व्यक्ति
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सत्ता को सबसे बड़ी चुनौती देने के बावजूद प्रिगोझिन और उनके वैगनर समूह का सम्मान जारी है। वैगनर ग्रुप के केयरटेकर के रूप में काम कर रहे 60 वर्षीय अलेक्जेंडर उल्यानोव ने कहा, 'उन्होंने (येवगेनी प्रिगोझिन) मुश्किल समय में रूस के लिए बहुत कुछ किया। वह महान व्यक्ति थे। वैगनर ग्रुप ने यूक्रेन में रूस के सबसे लंबे और सबसे खूनी सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया, जिसमें पूर्व में बखमुत शहर के लिए लड़ाई भी शामिल है। उल्यानोव ने कहा कि 'प्रिगोझिन हमारे दिलों में जीवित हैं, अगर लोग उन्हें याद करते हैं, तो वे जीवित हैं। उल्यानोव ने प्रिगोझिन की तुलना मिखाइल कुतुज़ोव जैसे ऐतिहासिक जनरलों से की, जिन्होंने नेपोलियन से लड़ाइयों के दौरान रूसी सैनिकों का नेतृत्व किया था। एक पूर्व हॉटडॉग विक्रेता और सजायाफ्ता अपराधी, प्रिगोझिन 1990 के दशक में पुतिन के संपर्क में आए, बाद में उन्होंने कैटरिंग बिजनेस से नाम कमाया।
पुतिन का करीबी माना जाता था, फिर उन्हीं के खिलाफ की बगावत
इसके बाद 'पुतिन के रसोइये' के उपनाम से जाने जाने वाले प्रिगोझिन का रूस में प्रभाव तेजी से बढ़ा और उन्होंने सरकारी अनुबंध हासिल किए। प्रिगोझिन ने साल 2014 में वैगनर समूह की स्थापना की। प्रिगोझिन की मौत के बाद क्रेमलिन ने उनकी मौत में कोई हाथ होने से साफ इनकार किया। प्रिगोझिन की मौत पर राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें प्रतिभाशाली व्यवसायी बताया, जिन्होंने गंभीर गलतियां की। मास्को के शीर्ष सैन्य अधिकारियों को हटाने की अपनी कोशिश में, प्रिगोझिन के लड़ाकों ने रूस के दक्षिणी शहर रोस्तोव-ऑन-डॉन में रूसी सेना के मुख्यालय पर कब्जा कर लिया था। लगभग 24 घंटे के विद्रोह के बाद बेलारूस की मध्यस्थता से शांति समझौता हुआ। इस दौरान वैगनर ग्रुप के लड़ाके राजधानी मॉस्को की तरफ बढ़ चुके थे। यूक्रेन में रूस के लिए लड़ने वाले 'एस्पानोला' बटालियन के सदस्य 'टेडी बॉय' ने प्रिगोझिन की प्रशंसा की। उसने कहा 'मैं उनके साथ 100 प्रतिशत सहमत नहीं हूं, लेकिन अगर मैं उनसे मिलता, तो मैं उनसे हाथ मिलाता।' टेडी बॉय ने कहा, 'प्रिगोझिन ने सैन्य वर्दी पहनी थी और रूस समर्थक सेना के प्रतीकों के टैटू लगाए थे। उन्होंने बहुत सी ऐसी बातें कही, जिन्हें कहने से लोग डरते थे और मुझे लगता है कि इसी वजह से बहुत से लोगों ने उनका समर्थन किया।'