बीएमएचआरसी में अब लेजर से होंगे किडनी स्टोन व प्रोस्टेट के ऑपरेशन

लगी 100 वॉट होलमियम लेजर मशीन भोपाल। भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं अनुसंधान (बीएमएचआरसी) में अब किडनी, यूरेटर स्टोन व प्रोस्टेट से संबंधित ऑपरेशन लेजर तकनीक से हो सकेंगे। इसके लिए…

बीएमएचआरसी में अब लेजर से होंगे किडनी स्टोन व प्रोस्टेट के ऑपरेशन

लगी 100 वॉट होलमियम लेजर मशीन

भोपाल। भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं अनुसंधान (बीएमएचआरसी) में अब किडनी, यूरेटर स्टोन व प्रोस्टेट से संबंधित ऑपरेशन लेजर तकनीक से हो सकेंगे। इसके लिए अस्पताल में होलमियम लेजर मशीन (100 वॉट) आ गई है। बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने हमीदिया अस्पताल के सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अरविंद राय के सान्निध्य में इसे मरीजों को समर्पित किया।
बीएमएचआरसी की प्रभारी निदेशक डॉ. मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक अस्पताल में किडनी स्टोन के ऑपरेशन पीसीएनएल प्रक्रिया से होते थे। इसमें पीठ के एक हिस्से में चीरा लगाकर लिथोटिप्टर के जरिए स्टोन को नष्ट किया जाता था। अब इस नई मशीन से बिना चीरा लगाए यूरेथ्रा (पेशाब की नली) के रास्ते किडनी और यूरेटर में मौजूद स्टोन तक पहुंचकर उसे नष्ट किया जा सकता है। इस प्रक्रिया से 2 सेंटीमीटर तक के स्टोन को नष्ट किया जा सकता है। इस मशीन से बिना चीरा लगाए प्रोस्टेट के ऑपरेशन भी किए जा सकते हैं।

 

लेजर मशीन के जरिए होने वाले ऑपरेशन के फायदे

बीएमएचआरसी के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. शारिक उल हसन ने बताया कि लेजर मशीन के जरिए होने वाले ऑपरेशन से कई लाभ होते हैं। जैसे चीरा न लगने से मरीज को दर्द कम होता है। अधिक खून बहने का खतरा नहीं होता। मरीज जल्दी रिकवर हो जाता है और उसे अस्पताल से जल्दी डिस्चार्ज कर दिया जाता है।  

 

जल्द आएंगी अन्य नई मशीनें

डॉ मनीषा श्रीवास्तव ने बताया कि अस्पताल में मौजूद पुराने उपकरण व मशीन को अपग्रेड किया जा रहा है व नई मशीन भी खरीदी जा रही हैं। जल्द ही यूरोलॉजी विभाग में यूरोडायनमिक मशीन भी आने वाली है। इसके अलावा कुछ और मशीनों को खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। भविष्य में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।