कांग्रेस के लिए छठा चरण बेहद अहम, 2019 में नहीं मिली थी एक भी सीट; बीजेपी के खाते में 40 सीटें…
लोकसभा चुनाव का अब केवल आखिरी चरण बचा है। अब तक 6 चरणों में ज्यादातर सीटों पर मतदान संपन्न हो चुके हैं। शनिवार को छठे चरण में सात राज्यों की…
लोकसभा चुनाव का अब केवल आखिरी चरण बचा है।
अब तक 6 चरणों में ज्यादातर सीटों पर मतदान संपन्न हो चुके हैं। शनिवार को छठे चरण में सात राज्यों की 58 सीटों पर वोट डाले गए। 543 में से 486 सीटों पर वोट पड़ चुके हैं। आखिरी चरण के लिए केवल 57 सीटें बची हैं। छठे चरण में हरियाणा की सभी 10 और दिल्ली की सभी सात सीटों पर भी मतदान हो गया।
गौर करने वाली बात है कि पिछले 2019 के आम चुनाव में इन 58 सीटों में से एक भी कांग्रेस के हाथ में नहीं आई थी। हालांकि इंडिया गठबंधन की पार्टियों में 5 सीटें जरूर गई थीं। वहीं 58 में से 45 सीटों पर एनडीए ने कब्जा जमा लिया था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वोट शेयर की बात करें तो एनडीए के दलों को 51.36 फीसदी वोट हासिल हुए थे। वहीं इंडिया गठबंधन की पार्टियों को 28.66 फीसदी वोट मिले थे।
शनिवार को हुए चुनाव में 889 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना था। इन 58 सीटों में से 54 पर बीएसपी ने भी अपने उम्मीदवार उतारे थे। बीजेपी ने 51 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे थे।
बंगाल की सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया ने 27 और कांग्रेस 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी। हरियाणा में 223 उम्मीदवार तो दिल्ली में 162 उम्मीदवार मैदान में थे। उत्तर प्रदेश की 14 सीटों पर 162 और झारखंड की चार सीटों पर 91 लोग किस्मत आजमा रहे थे।
इन प्रत्याशियों में से 183 के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के 38, झारखंड के 28 और हरियाणा के 27 उम्मीदवार शामिल हैं।
141प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। सबसे ज्यादा बीजेपी के 28 प्रत्याशियों के खिलाफ क्रिमिनल केस हैं। वहीं आम आदमी पार्टी और आरजेडी के सभी प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। छठे चरण में 343 करोड़पति प्रत्याशी थे।
इसमें सबसे ज्यादा हरियाणा के 102 उम्मीदवार हैं। दूसरे नंबर पर दिल्ली के 68 और तीसरे पर उत्तर प्रदेश के 59 करोड़पति उम्मीदवार शामिल हैं।
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