ISRO के रॉकेट पर लगाया चीन का झंडा, विवाद बढ़ा तो DMK नेता बोले- छोटी सी गलती थी…
ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नए प्रक्षेपण परिसर से संबंधित एक विज्ञापन में ‘चीनी झंडा’ दिखने से तमिलनाडु में विवाद छिड़ गया है। अब इस पर एक दिन…
ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के नए प्रक्षेपण परिसर से संबंधित एक विज्ञापन में ‘चीनी झंडा’ दिखने से तमिलनाडु में विवाद छिड़ गया है।
अब इस पर एक दिन बाद द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) की नेता और मत्स्य पालन मंत्री अनीता आर राधाकृष्णन ने गुरुवार को कहा कि यह डिजाइनर की गलती थी।
अपनी पार्टी की ओर से विज्ञापन देने वाली मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह केवल एक गलती थी और द्रमुक का कोई अन्य इरादा नहीं था।
उन्होंने कहा, ‘विज्ञापन में एक छोटी सी गलती हो गई। हमारा कोई और इरादा नहीं है। हमारे दिलों में भारत के लिए सिर्फ प्यार है।’
राधाकृष्णन ने कहा कि यह उनकी पार्टी का रुख है कि भारत एकजुट रहना चाहिए और देश में जाति या धर्म के आधार पर टकराव की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
राधाकृष्णन ने कहा कि द्रमुक के दिवंगत संरक्षक एम करुणानिधि ने ही सबसे पहले तमिलनाडु में कुलसेकरपट्टिनम में इसरो के एक नए प्रक्षेपण परिसर की मांग उठाई थी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि इसके अलावा, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और थूथुकुडी से लोकसभा सदस्य कनिमोई ने केंद्र से राज्य में प्रक्षेपण परिसर स्थापित करने का आग्रह किया था।
मंत्री ने कहा कि यही कारण है कि परियोजना को तमिलनाडु में लाने के लिए द्रमुक नेताओं द्वारा किए गए प्रयासों को उजागर करने के वास्ते एक विज्ञापन (दैनिक समाचार पत्रों में) देने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने कहा कि विज्ञापन डिज़ाइन करने वालों ने एक गलती की जिस पर उनका ध्यान नहीं गया। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने मांग की कि द्रमुक उस विज्ञापन को प्रकाशित करने के लिए लोगों से माफी मांगे।
द्रमुक के इस रुख पर कि ‘चीन’ का संदर्भ एक गलती थी, मुरुगन ने कहा, ‘(विज्ञापन में) भारतीय ध्वज लगाना हमारा कर्तव्य है और उन्हें (द्रमुक को) लोगों से माफी मांगनी चाहिए। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में देश की उपलब्धियां और तमिलनाडु में नया इसरो परिसर देश का गौरव है।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां के निकट कुलसेकरापट्टिनम में ISRO के नए लॉन्चपैड का शिलान्यास किया, जिसकी लागत लगभग 986 करोड़ रुपये है और इसके बनकर तैयार होने पर यहां से प्रतिवर्ष 24 प्रक्षेपण किए जा सकेंगे।
भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने आरोप लगाया था कि द्रमुक सरकार काम नहीं करती है, बल्कि केवल ‘झूठा श्रेय’ लेती है और केंद्रीय योजनाओं पर अपने ‘स्टिकर’ चिपकाती है।
उन्होंने कहा, ‘अब उन्होंने सभी हद पार कर दी है। उन्होंने तमिलनाडु में इसरो प्रक्षेपण परिसर का श्रेय लेने के लिए चीन का स्टिकर चिपका दिया है।
यह हमारे देश का अपमान है, हमारे देशभक्त अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का अपमान है। तमिलनाडु के लोग द्रमुक को इसके लिए सजा देंगे।’
बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘द्रमुक का आज का विज्ञापन हास्यास्पद है। उन्होंने भारतीय विज्ञान और भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र का अपमान किया है, जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’