छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री हुई साबरमती रिपोर्ट, पीएम मोदी बोले- सच सामने आ रहा है…
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घोषणा की है कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को छत्तीसगढ़ में कर मुक्त किया जाएगा। यह फिल्म 22 वर्ष पूर्व गुजरात के गोधरा में…
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घोषणा की है कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को छत्तीसगढ़ में कर मुक्त किया जाएगा। यह फिल्म 22 वर्ष पूर्व गुजरात के गोधरा में हुई ट्रेन आगजनी की घटना की सच्चाई को दर्शाने का प्रयास करती है, जो एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि ‘द साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म का अवलोकन इसलिए आवश्यक है क्योंकि अतीत का ज्ञान हमें वर्तमान और भविष्य के संदर्भ में सही दिशा दिखा सकता है। उन्होंने इस फिल्म को एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया, जो इतिहास के एक भयावह पहलू को उजागर करता है, जिसे कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा छिपाने की कोशिश की गई थी। यह फिल्म उस समय की सच्चाई को सामने लाती है, जब झूठे नरेटिव के माध्यम से सत्य को दबाने का प्रयास किया गया था। मध्यप्रदेश में भी इस फिल्म को कर मुक्त किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की फिल्म की सराहना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस फिल्म की सराहना की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह फिल्म न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन गई है।
फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ 15 नवंबर को रिलीज हुई है, जिसमें विक्रांत मैसी, राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा मुख्य भूमिकाओं में नजर आ रहे हैं। इस फिल्म का निर्देशन धीरज सरना ने किया है, और इसे शोभा कपूर, एकता कपूर, अमूल वी. मोहन, और अंशुल मोहन ने प्रोड्यूस किया है। विक्रांत मैसी ने फिल्म के बाद कहा कि उन्हें कुछ धमकियां मिल रही हैं, जो इस विषय की संवेदनशीलता को दर्शाती हैं।
2002 के गोधरा कांड पर आधारित
यह फिल्म 2002 के गोधरा कांड पर आधारित है, जो उस दिन की घटनाओं को उजागर करती है जब साबरमती एक्सप्रेस गोधरा रेलवे स्टेशन के पास एक त्रासदी का शिकार हुई थी। फिल्म का उद्देश्य उस सच्चाई को सामने लाना है, जो उस समय के सामाजिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य को भी दर्शाती है। यह न केवल ऐतिहासिक घटनाओं को, बल्कि उनके पीछे के कारणों को भी समझाने का प्रयास करती है।
झूठे नरेटिव को उजागर करने का प्रयास करती है फिल्म
‘द साबरमती रिपोर्ट’ झूठे नरेटिव को उजागर करने का प्रयास करती है, जो उस समय के तात्कालिक सिस्टम द्वारा सत्य को दबाने के लिए फैलाए गए थे। यह फिल्म दर्शकों को उस सच्चाई से अवगत कराती है, जो अक्सर अनदेखी रह जाती है, और यह दर्शाती है कि कैसे समाज में ऐसे मुद्दों पर चर्चा की आवश्यकता है।