कनाडा में बर्ड फ्लू के स्ट्रेन का कहर, क्या दोबारा झेलना पड़ेगा लॉकडाउन?

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में H5N1 बर्ड फ्लू का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया। संक्रमण की चपेट में आने की वजह से एक किशोर की हालत बेहद गंभीर…

कनाडा में बर्ड फ्लू के स्ट्रेन का कहर, क्या दोबारा झेलना पड़ेगा लॉकडाउन?

कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में H5N1 बर्ड फ्लू का मामला सामने आने से हड़कंप मच गया। संक्रमण की चपेट में आने की वजह से एक किशोर की हालत बेहद गंभीर है। यह कनाडा में H5N1 बर्ड फ्लू का पहला मामला है। हालांकि यह वायरस किशोर तक कैसे पहुंचा… अभी तक इसका पता नहीं चला है।

ब्रिटिश कोलंबिया प्रांतीय स्वास्थ्य अधिकारी बोनी हेनरी ने बताया कि किशोर सांस लेने की समस्या से जूझ रहा है। अधिकारी इस बात से हैरान है कि किशोर न तो खेत गया और न ही मुर्गी आदि के संपर्क में आया। अब सवाल यह है कि वह इस खतरनाक वायरस के चपेट में कैसे आया।

रिपोर्ट के मुताबिक किशोर पक्षियों के संपर्क में नहीं था। मगर कुत्ते और बिल्लियों के साथ रहा है। मगर जांच में इन जानवरों में वायरस नहीं मिला है। स्वास्थ्य टीम अब किशोर के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों की तलाश में जुट गई है। सवाल यह भी उठने लगा है कि क्या यह वायरस भी एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो क्या दुनिया को दोबारा लॉकडाउन देखना पडेगा। 

विशेषज्ञ ने जताई यह चिंता
आरआई में ब्राउन यूनिवर्सिटी के महामारी केंद्र की निदेशक का कहना है कि स्थिति भयावह है। यह वायरस अब तक हमने जो देखा उससे बहुत कम घातक है। मगर लंबे समय में यह COVID-19 समेत किसी भी महामारी की तुलना में अधिक घातक हो सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चिंता यह है कि इससे संक्रमित किशोर बेहद गंभीर है। दूसरी चिंता यह है कि हमें समझ नहीं आ रहा है कि किशोर कैसे संक्रमित हुआ?

अमेरिका में कुल 47 मामले
कनाडा में अभी तक मवेशियों में H5N1 का पता नहीं चला है। हालांकि मुर्गियों में यह वायरस मिल चुका है। 2022 से अमेरिका में 47 लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 25 डेयरी कर्मचारी, 21 पोल्ट्री कर्मचारी और एक अन्य मामला शामिल है। यह वायरस आमतौर पर पक्षियों और मुर्गियों में पाया जाता है। इस वायरस के बारे में पहली बार 1966 में पता चला।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 2020 में इस वायरस का नया रूप उभरा। यह तेजी से पूरे एशिया, अफ्रीका और यूरोप में फैल गया। 2021 में उत्तरी अमेरिका और 2022 में मध्य और दक्षिण अमेरिका तक पहुंच चुका है।

क्या है H5N1 वायरस?
H5N1 वायरस घातक बीमारी का कारण बन सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन अनुसार पिछले साल इससे संक्रमित मिले आधे से अधिक मरीजों की हालत बेहद नाजुक थी। बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा एक वायरल संक्रमण है। मुख्य रूप से यह पक्षियों में फैलता है। मगर मनुष्यों में भी इसके फैलने के मामले सामने आ चुके हैं।

H5N1 वायरल बर्ड फ्लू का ही एक प्रकार है। यह मनुष्यों को तेजी से संक्रमित कर रहा है। हालांकि अभी तक एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने का कोई मामला सामने नहीं आया है। मुर्गी, जानवरों और पक्षियों के संपर्क में आने के बाद ही यह वायरस इंसानों में फैला है।

क्या दुनिया दोबारा देखेगी लॉकडाउन?
रिपोर्ट के मुताबिक सेंटर फॉर हेल्थ सिक्योरिटी के डॉ. का कहना है कि H5N1 का वर्तमान प्रकोप चिंता का विषय है। मगर इसके महामारी में बदलने का खतरा कम है।

उधर, कोलंबिया विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ डॉ. का कहना है कि इसके महामारी बनने का जोखिम कम है। मगर भविष्य में म्यूटेशन की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह भविष्य में अधिक संक्रामक हो सकता है।

यह सवाल भी उठाया गया है कि क्या बर्ड फ्लू के कारण कोविड-19 महामारी की तरह ही देशव्यापी लॉकडाउन लग सकता है। विशेषज्ञ इस पर संदेह कर रहे हैं, खास तौर पर H5N1 के मामले में। डॉ. का कहना है कि मुझे नहीं लगता है कि H5N1 स्ट्रेन के कारण लॉकडाउन लगेगा।