अमेरिकी खुफिया तंत्र में हलचल, गुजरात के इस व्यक्ति को मिली अहम जिम्मेदारी

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद हर रोज बड़े बड़े फैसले करते दिख रहे हैं। उन्होंने एलन मस्क से लेकर तुलसी गबार्ड को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।…

अमेरिकी खुफिया तंत्र में हलचल, गुजरात के इस व्यक्ति को मिली अहम जिम्मेदारी

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद हर रोज बड़े बड़े फैसले करते दिख रहे हैं। उन्होंने एलन मस्क से लेकर तुलसी गबार्ड को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। हर कोई उनकी कैबिनेट सदस्यों को देख चौंक रहा है। हाल ही में उन्होंने मैट गेट्ज को अटॉर्नी जनरल, पीट हेगसेट को रक्षा सचिव और तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के लिए नामित किया है। 
हालांकि, आलोचकों का कहना है कि ये सब अनुभवहीन लोग हैं और ट्रंप की ये बड़ी गलती है, लेकिन ट्रंप सबको चौंकाने से पीछे नहीं हट रहे। इसी कड़ी में एक और गुजराती नाम जुड़ा है जिसे ट्रंप का वफादार कहा जाता है। 

वफादारों को बड़ी जिम्मेदारी दे रहे ट्रंप
माना जा रहा है कि ट्रंप शीर्ष पदों पर अपने सबसे वफादार व्यक्तियों का चयन कर रहे हैं ताकि वह अपने स्वयं के सहयोगियों के दबाव में कभी न आएं। जो कि पहले कार्यकाल के दौरान कई मामलों में हुआ था।

अब ट्रंप गुजराती मूल के काश पटेल को बड़ी जिम्मेदारी दे सकते हैं। पहले माना जा रहा था कि वो काश पटेल को सीआईए प्रमुख बनाएंगे, लेकिन उन्होंने अपने करीबी सहयोगी जॉन रैटक्लिफ को CIA हेड के रूप में नामित किया है। 

खुफिया समुदाय में मची खलबली
हालांकि, अब पटेल को एफबीआई में शीर्ष पद मिलने की उम्मीद है। एनबीसी ने कहा कि शीर्ष खुफिया एजेंसियों के लिए उनकी संभावित नियुक्ति ने खुफिया समुदाय में अलार्म की घंटी बजा दी है। कुछ अधिकारियों को पहले डर था कि ट्रंप ने पटेल को सीआईए के निदेशक के रूप में नामित किया है। काश पटेल पहले भी ट्रंप के साथ काम कर कई अहम प्रोजेक्ट को पूरा कर चुके हैं। 

क्यों पटेल से डर रहा खुफिया समुदाय?
दरअसल, पटेल के अमेरिका के खुफिया समुदाय के बारे में कट्टरपंथी विचार हैं, जिसके बारे में वो एक पुस्तक 'गवर्नमेंट गैंगस्टर्स: द डीप स्टेट, द ट्रुथ एंड द बैटल फॉर अवर डेमोक्रेसी' में विचार भी रख चुके हैं।

यहां तक की ट्रंप ने कहा कि पटेल की पुस्तक उनके अगले कार्यकाल का खाका होगी। उन्होंने कहा कि ये हर भ्रष्टाचारी को उजागर करने वाला एक शानदार रोडमैप है, जो केवल अमेरिकी लोगों के लिए काम करने के लिए हमारी एजेंसियों और विभागों को वापस काम पर लाएगा। 

ट्रंप ने ये भी कहा था कि हम इस ब्लूप्रिंट का उपयोग व्हाइट हाउस की ताकत को गैंगस्टरों से वापस लाने और सरकार के सभी पदों को स्वतंत्र बनाने में मदद करने के लिए करेंगे।

वकील के रूप में की करियर की शुरुआत 
44 वर्षीय पटेल का पूरा नाम कश्यप प्रमोद पटेल है। उनका जन्म न्यूयॉर्क में गुजराती-मूल के परिवार में हुआ। उनका परिवार मूल रूप से वडोदरा का रहने वाला है। हालांकि, माता-पिता माता-पिता यूगांडा में रहते थे, जो पूर्वी अफ्रीका से अमेरिका में आ गए थे। उन्होंने अपनी कानून की डिग्री हासिल करने के लिए न्यूयॉर्क लौटने से पहले रिचमंड विश्वविद्यालय में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। वह आइस हॉकी खिलाड़ी और कोच भी रह चुके हैं।

काश पटेल ने वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। बाद में वो ट्रंप प्रशासन में भी शामिल हुए थे।