हमास के खिलाफ इजरायल की नई चाल! समुद्र के खारे पानी से भर रहा गाजा की सुरंगें…
इजरायल और हमास के बीच युद्ध अब नया मोड़ ले चुका है। एक तरफ मंगलवार को यूएन की बैठक में गाजा में युद्धविराम का प्रस्ताव भारी बहुमत से पास हो…
इजरायल और हमास के बीच युद्ध अब नया मोड़ ले चुका है।
एक तरफ मंगलवार को यूएन की बैठक में गाजा में युद्धविराम का प्रस्ताव भारी बहुमत से पास हो गया। इस प्रस्ताव का जहां अमेरिका ने विरोध किया है तो भारत ने समर्थन में अपना मत दिया।
इजरायल गाजा में कत्लेआम पर दुनिया भर के देशों की आलोचना झेल रहा है लेकिन उस पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा।
एक रिपोर्ट सामने आई है कि इजरायली सेना आईडीएफ ने हमास के खात्मे के लिए नई चाल चली है। उसने गाजा में हमास की सुरंगों पर समुद्र का खारा पानी डालना शुरू कर दिया है। ऐसी आशंका है कि यहां हमास ने बंधकों, लड़ाकों और अपने हथियारों को छिपाकर रखा है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अज्ञात अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि इजरायली सेना ने गाजा में हमास के सुरंग परिसर में समुद्री जल डालना शुरू कर दिया है और कहा है कि इस प्रक्रिया में कई सप्ताह लगेंगे।
इजरायल के इस कदम की दुनियाभर में आलोचना हो रही है क्योंकि इससे गाजा में साफ और पीने के पानी की समस्या गहरा सकती है। उधर, ऐसा माना जा रहा है कि इजरायली सेना का यह नया कदम हमास को नया झटका देने की है।
इजरायल अपने बंधकों की रिहाई चाहता है क्योंकि अल्प युद्ध विराम के दौरान उसके करीब 100 लोग ही हमास के चंगुल से छुड़ पाए जबकि, अभी भी सैंकड़ों लोगों को हमास ने अपने पास कैद करके रखा हुआ है।
जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार , बाइडेन प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने कहा है कि यह प्रक्रिया सुरंगों को नष्ट करने में मदद कर सकती है, जहां इजराइल दावा करता रहा है कि हमास इन सुरंगों में बंधकों, लड़ाकों और हथियारों को छिपा रहा है। समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, अन्य अधिकारियों ने चिंता व्यक्त की है कि समुद्री जल गाजा की ताजे पानी की आपूर्ति को खतरे में डाल देगा।
वहीं, इजराइल की सेना ने रिपोर्ट पर तुरंत कोई टिप्पणी नहीं दी।
यूएन में पास हुआ गाजा युद्धविराम का प्रस्ताव
उधर, मंगलवार को यूएन की ऐतिहासिक बैठक में गाजा में युद्धविराम का प्रस्ताव पेश किया गया। इस बिल के पक्ष में वोट देने वालों में 153 देश शामिल थे। इसमें भारत भी एक है। वहीं, 23 देशों ने मतदान से खुद को दूर रखा जबकि, 10 देशों ने विरोध में मतदान किया। विरोध करने वालों में इजरायल और अमेरिका शामिल रहे।