इन देव की करेंगे पूजा, तो रोग रहेंगे पूरे परिवार से दूर! हरिद्वार के ज्योतिष ने बताई पूजा विधि
हिंदू धर्म में निरोग रहने के लिए धन्वंतरी देव की पूजा करने का महत्व है. धन्वंतरी देव देवताओं के वैद्य हैं. धन्वंतरी देव को औषधि का देवता भी कहा गया…
हिंदू धर्म में निरोग रहने के लिए धन्वंतरी देव की पूजा करने का महत्व है. धन्वंतरी देव देवताओं के वैद्य हैं. धन्वंतरी देव को औषधि का देवता भी कहा गया है. कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि के दिन धन प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी और कुबेर महाराज की पूजा पाठ करने पर धन के भंडार भर जाते हैं. वैसे ही निरोग रहने के लिए देवताओं के वैद्य धन्वंतरी देव की पूजा पाठ करने से सभी शारीरिक रोग और कष्ट दूर हो जाते हैं.
साल 2024 में निरोग रहने के लिए धन्वंतरी देव की पूजा 29 अक्टूबर को करने पर विशेष फल की प्राप्ति होगी. जबकि धन प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी और कुबेर महाराज की पूजा पाठ 30 अक्टूबर को करने पर फल प्राप्त होगा.
धन्वंतरी देव की पूजा का महत्व
जीवन भर निरोग रहने के लिए धन्वंतरी देव की पूजा पाठ करने की जानकारी लोकल 18 को देते हुए हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि साल 2024 में कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर की सुबह 10:32 से शुरू होगी. 30 अक्टूबर की दोपहर 1:15 तक मनाई जाएगी. शास्त्रों में वर्णित कथाओं के अनुसार धन्वंतरी देव का प्राकट्य कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था. कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धन्वंतरी देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है.
समुद्र मंथन से हुए थे प्रकट
धन्वंतरी देव देवताओं के वैद्य हैं, जिनका प्राकट्य समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को हुआ था. त्रयोदशी के दिन प्रदोष काल में ही धन्वंतरी देव की पूजा और उनके मंत्रो का जाप करने से जीवन में आरोग्यता आती है. सभी रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं. हिंदू धर्म में धन्वंतरी देव की पूजा के लिए कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि सर्वश्रेष्ठ बताई गई है.
ऐसे करें धन्वंतरी देव की पूजा
घर के ईशान कोण या सूर्योदय की पूर्व दिशा में एक लकड़ी का चौकोर टुकड़ा रखें. उसके ऊपर लाल या पीला कपड़ा डालकर उसके ऊपर धन्वंतरी देव की मूर्ति अथवा चित्र को रखें. साथ ही मुट्ठी भर चावल या नया धान मूर्ति के सामने रखकर उसके ऊपर सरसों के तेल का दिया जलाएं. ताम्र पात्र में स्वच्छ जल या गंगाजल लेकर धूप घास से उसका छिड़काव शुद्धता के लिए करें. रोली, कुमकुम, मिष्ठान, खीर, पीले चावल, फल, फूल और नैवेद्य अर्पित करके धन्वंतरी देव से रोगों से छुटकारा, निरोग शरीर और परिवार की दीर्घायु की प्रार्थना करते हुए ‘ॐ धन्वंतरी देवाय नमः’ मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से धन्वंतरी देव प्रसन्न होकर विशेष फल प्रदान करेंगे.