करवा चौथ पर बन रहा अद्भुत संयोग, तुलसी पेड़ के नीचे कर दें ये काम, खुश रहेंगे पति!
हर साल करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री गणेश और चंद्रमा का पूजन किया जाता है. करवा चौथ…
हर साल करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री गणेश और चंद्रमा का पूजन किया जाता है. करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना लिए सुबह से लेकर देर शाम तक निर्जला व्रत रखती हैं. चांद निकलने के बाद अर्घ्य देकर व्रत तोड़ती हैं. माना जा रहा है कि इस साल करवा चौथ के दिन बेहद शुभ संयोग बन रहा है, जो इस दिन को और भी खास बना रहा है.
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि इस साल 20 अक्टूबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा. करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाओं को शादी का जोड़ा पहनकर या फिर लाल वस्त्र जिसमें लाल चुनरी अवश्य हो, को पहनकर पूजा करनी चाहिए. इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करने से शादीशुदा जिंदगी में खुशहाली आती है. साथ ही, करवा चौथ के दिन तुलसी पेड़ के नीचे दीपक जलाकर करवा चौथ की कथा अवश्य सुननी चाहिए. इस साल का करवा चौथ का व्रत और भी खास है, क्योंकि इस साल बेहद शुभ संयोग बन रहा है.
इन योगों का हो रहा निर्माण
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि करवा चौथ के दिन व्यतिपात योग का निर्माण हो रहा है. इस योग में दान देना बेहद शुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन वरियान योग और गुरु पुष्य योग का भी निर्माण हो रहा है, जो अत्यंत शुभ है. इस योग में चंद्रमा को अर्घ्य देने से सुहागिन महिलाओं की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होंगी. साथ ही इस दिन चंद्रमा का सबसे प्रिय नक्षत्र रोहिणी नक्षत्र भी पड़ने वाला है, जो करवा चौथ के दिन को और भी खास बनाता है.
इस मुहूर्त में दें चंद्रमा को अर्घ्य
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, 20 अक्टूबर रात्रि 7 बजकर 40 मिनट तक पूजा करें. इसके बाद चंद्रोदय होने वाला है, इसलिए रात्रि 07 बजकर 40 मिनट के बाद प्रति महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करेंगी और छलनी में अपने पति का मुख देखकर पति के हाथों से ही व्रत का पारण करेंगी.