पाकिस्तान ने किया अपनों पर ही सितम, कर्ज चुकाने के लिए ऐसे ऐंठ रहा है पैसे; आम जनता बेहाल…
गले तक कर्ज में डूबा पाकिस्तान लगातार अपनों पर सितम ढाए हुए है। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान ने न जाने कितनों से कर्ज लेकर अपना गुजारा…
गले तक कर्ज में डूबा पाकिस्तान लगातार अपनों पर सितम ढाए हुए है।
अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान ने न जाने कितनों से कर्ज लेकर अपना गुजारा कर रहा है। अब इन्हीं कर्जों को चुकाने के लिए पाकिस्तान अपनी भोली-भाली आम जनता पर खर्चों का बोझ डाल रहा है।
बीते दिनों पाकिस्तान ने बिजली का बिल बढ़ाया था जिसके बाद आम जनता सड़कों पर आ गई थी। पाकिस्तान में बिजली बिल को लेकर हाहाकार मचा गया था और वहां गृहयुद्ध जैसे आसार दिखाई देने लगे थे।
मगर पाकिस्तान अपनी गलतियों से सीख नहीं रहा और लगातार आम जनता पर सितम करता हुआ नजर आ रहा है।
पाकिस्तान ने डाला अपनों पर कर्ज
अब एक बार फिर पाकिस्तान ने अपनी आवाम को ज्यादा बिल के भुगतान करने का फरमान जारी कर चुका है।
पाकिस्तान के अखबार डॉन की मानें तो पाकिस्तान के राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक पावर नियामक प्राधिकरण (एनईपीआरए) ने बिजली की कीमतों में 1.15 पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) प्रति यूनिट की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।
एनईपीआरए ने 2024 की पहली तिमाही के लिए बिजली की कीमत बढ़ाने का फैसला किया है। यानी अगले तीन महीने तक पाकिस्तान की जनता को बढ़े हुए बिजली के बिल का भुगतान करना होगा।
पाकिस्तान में बिजली की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। पाकिस्तान अपना खजाना भरने और कर्जों से उबरने के लिए लगातार लोगों पर सितम करता रहा है।
पाकिस्तान कभी तेल की कीमतों को बढ़ाकर, तो कभी बिजली के बिलों को बढ़ा कर आम जनता से पैसे वसूल रहा है। आटा-चावल का भाव तो पाकिस्तान में पहले से ही आसमान छू रहा है।
सुकून से जीने के लिए पाकिस्तान में दो-जून की रोटी का इंतजाम करना भी एक आम इंसान के लिए मुश्किल हो रहा है।
पाकिस्तान पर यूएई को आई तरस
पाकिस्तान में पैसों की किल्लत का आलम यह है कि यूएई की सरकार ने उसकी तंग हाली पर तरस खाकर मुफ्त में धुंध और पलूशन से बचने के लिए कृत्रिम बारिश करवाई। लाहौर की जनता पलूशन और धुंध से त्राहि-त्राहि कर रही थी, ऐसे में वहां कृत्रिम बारिश करना जरूरी हो गया था।
पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पलूशन से लोगों निजात दिलाने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने प्लान बनाया था।
इसके लिए 35 करोड़ रुपये का खर्च आना था। पाकिस्तान अपने खास दोस्त चीन की राह देख रहा था कि वह उनके शहरों में कृत्रिम बारिश कराएगा।
मगर चीन के बजाए यूएई ने लाहौर में 10 जगहों पर कृत्रिम बारिश कराई और वहां के लोगों को पलूशन से निजात दिलाई। पीटीआई की रिपोर्ट की मानें तो इस काम के लिए यूएई ने पाकिस्तान से एक फूटी कौड़ी भी नहीं ली।