पैर हाथ में नहीं इस अंग में काला धागा बांधना है शुभ, कमजोर शनि ग्रह होगा मजबूत, जीवन में करेंगे तरक्की, जानें बांधने उतारने के नियम
आजकल लोगों में पैरों में काला धागा बांधने का चलन खूब बढ़ गया है. आपने भी कई महिलाओं, युवक-युवतियों को पैर या फिर हाथों में पतली सी काले रंग की…
आजकल लोगों में पैरों में काला धागा बांधने का चलन खूब बढ़ गया है. आपने भी कई महिलाओं, युवक-युवतियों को पैर या फिर हाथों में पतली सी काले रंग की डोरी, धागा बांधे जरूर देखा होगा. हालांकि, कुछ लोग बिना जानकारी के फैशन और शौक-शौक में इसे पैरों में बांध लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पैरों में ब्लैक धागा बांधना ठीक नहीं माना गया है? यदि आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि हिंदू धर्म के अनुसार, शरीर के कौन से अंग में ब्लैक धागा बांधना सही होता है, तो यहां जान लीजिए.
क्या पैरों में बांधना चाहिए काला धागा?
ज्योतिषाचार्य, न्यूमेरोलॉजिस्ट और एस्ट्रो वास्तु विशेषज्ञ डॉ. गौरव कुमार दीक्षित जी कहते हैं कि आजकल अधिकतर लोग पैरों में काला बांधे दिख जाते हैं. ऐसा करना सही नहीं है. पैरों में काफी लोग काला धागा बांधते हैं, इससे बचना चाहिए. सनातन धर्म के अनुसार, काले धागे को रक्षा सूत्र कहा गया है. ऐसे में रक्षा सूत्र को पैरों में बांधना अशुभ है. इससे नेगेटिव एनर्जी कम होने की बजाय बढ़ने लगती है. पैर में काला धागा बांधने से शनि की स्थिति खराब हो जाती है. गले में जब भी आप काला धागा बांधे तो इसे खाली ना पहनें. ऐसा करने से भी बचें. उसमें किसी भी तरीके का चांदी या रत्न का लॉकेट डालकर ही पहनें.
शरीर के किस अंग पर बांधें काला धागा?
नजर दोष से बचाने के लिए अक्सर हम सभी अपने छोटे बच्चों, नई दुल्हन को गर्दन में काला पहनाते हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव कुमार दीक्षित कहते हैं कि इस धागे को कमर में पहनना सबसे उत्तम माना जाता है. भगवान कृष्ण भी कमर पर ही काला धागा पहनते थे. कमर पर काला धागा बांधने से सेहत अच्छी बनी रहती है. बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है. खासकर, हड्डियों की बीमारी होने का रिस्क कम हो सकता है. रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है. जिनकी कुंडली में शनि ग्रह कमजोर हैं, उन्हें कमर में काला बांधना चाहिए. यदि शनि कुंडली में मजबूत हो जाए तो ऐसे जातक अपनी जीवन में बहुत तरक्की करते हैं. कमर, बाएं हाथ या गर्दन में काला धागा पहनना चाहते हैं तो इस धागे को किसी शनि मंदिर में ले जाकर शनि देव की मूर्ति से स्पर्श करा कर ही पहनें. आप भैरव बाबा या हुनमान जी की प्रतिमा से भी इस धागे को स्पर्श करा सकते हैं. इस दौरान उनके मंत्रों का उच्चारण करते हुए काला धागा बांध लें. ऐसा धागा बहुत चमत्कारिक लाभ कर सकता है. आप पर शनि देव की कृपा हमेशा बनी रहती है. इतना ही नहीं, यदि हाथों में लाल धागा या मौली पहने हुए हैं तो उसके साथ कभी भी काला धागा ना बांधें.
काला धागा बांधने के फायदे
– महिलाओं को बाएं और पुरुषों को दाएं हाथ में काला धागा बांधना चाहिए.
– जब आप काला धागा बांधते हैं तो यह आपको बुरी नजर लगने से बचाता है.
– नकारात्मक शक्तियों से बचाव के लिए इसे पहना जाता है.
– शरीर में जो नेगेटिव एनर्जी प्रवेश कर जाती है, उसे भी काला धागा अपने अंदर एब्जॉर्ब कर लेता है.
– काला धागा पहनने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
– कमर में बांधने से रीढ़ की हड्डी में कोई समस्या नहीं होती.
कब उतारें काला धागा
जब तक वह खुद ही खराब होकर टूट ना जाए, आप उसे पहने रह सकते हैं. खुद से इसे खलने की कोशिश न करें. टूट या खुल जाए तो उसे पीपल के वृक्ष के पास रख आएं. दोबारा से आप नया धागा बांध सकते हैं. ब्लैक धागा को कोई भी जातक पहन सकता है.