छत्तीसगढ़-दुर्ग में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, एसडीआरएफ ने 50 लोगों को सुरक्षित निकाला

दुर्ग. दुर्ग जिले में हो रही लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बारिश में कई जगह पर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, इसी कड़ी में एसडीआरएफ की टीम ने…

छत्तीसगढ़-दुर्ग में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, एसडीआरएफ ने 50 लोगों को सुरक्षित निकाला

दुर्ग.

दुर्ग जिले में हो रही लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बारिश में कई जगह पर बाढ़ की स्थिति बनी हुई है, इसी कड़ी में एसडीआरएफ की टीम ने दो स्थानों से बाढ़ में फंसे 40 से 50 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित बाहर निकला। एसडीआरएफ टीम ने अंडा के अछोटी गांव में ईट-भट्टा में फंसे 19 लोगों और मुड़पार में 25 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया।

शिवनाथ नदी में 2 लाख 4 हजार 346 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। राजनांदगांव के मोंगरा जलाशय से 1 लाख 13 हजार क्यूसेक, खट्टोला से 20 हजार 208 क्यूसेक, घुमरिया से 26 हजार 260 क्यूसेक, सुखा नाला से 44 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ गया है और महमरा एनीकेट पर 10 फिट ऊपर से पानी बह रहा है। नदी का जलस्तर बढ़ने से एसडीआरएफ को अलर्ट किया गया है। शिवनाथ नदी का जलस्तर बढ़ने से महमरा एनीकेट पर आवाजाही रोक दी गई है और एनीकेट के आठ गेट खोल दिए गए हैं। नदी का जलस्तर बढ़ने को लेकर जिला प्रशासन ने नदी तट के गांवों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को अलर्ट किया है। लोगों को नदी किनारे नहीं जाने और मवेशियों को घर पर ही बांधकर रखने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में तांदुला जलाशय में 83.49 प्रतिशत, गोंदली जलाशय में 60.27 प्रतिशत, खरखरा जलाशय में 104.38 प्रतिशत, खपरी जलाशय में 75.19 प्रतिशत और मरोदा टैंक 41.58 प्रतिशत जलभराव स्थिति है। शिवनाथ नदी के जलस्तर बढ़ने के चलते जिला प्रशासन ने नदी किनारे गांव में अलर्ट किया और गांव के कोटवारों के माध्यम से गांव में मुनादी कराई गई है। वहीं ग्रामीणों को बाढ़ के खतरे से सतर्क रहने को कहा है।