अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठानों का दौर, रामलला को सुनाई जाएगी सुंदरकांड और गीत
अयोध्या: प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक बार फिर अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत होने जा रही है. रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद,…
अयोध्या: प्रभु राम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद एक बार फिर अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत होने जा रही है. रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद, देशभर से राम भक्त अपनी-अपनी भक्ति के अनुसार प्रभु राम को प्रसन्न करने के प्रयास में जुटे हैं. अब रामलला को पहली बार देश की मातृशक्ति द्वारा सुंदरकांड का पाठ सुनाया जाएगा, जबकि विभिन्न स्थानों के वैदिक विद्वान यज्ञ और अनुष्ठान कर देश में अमन और शांति के लिए प्रभु राम से प्रार्थना करेंगे. अयोध्या में रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद से अब तक लगभग 3 करोड़ से अधिक राम भक्त रामलला का दर्शन कर चुके हैं. अब, राम नगरी में धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत की जा रही है, जहां भक्त अपनी भक्ति के अनुसार भगवान रामलला को प्रसन्न करने का प्रयास करेंगे. नवंबर माह से अयोध्या में बड़े स्तर पर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन शुरू हो जाएगा. इसमें हर 15 दिन में भारत की मातृशक्ति भगवान राम को सुंदरकांड का पाठ सुनाएंगी. यह अनवरत चलने वाला एक अनुष्ठान होगा जिसमें देशभर से ढाई सौ महिलाएं हर 15 दिन पर अयोध्या आकर रामलला को सुंदरकांड का सामूहिक पाठ सुनाएंगी. अयोध्या में धार्मिक अनुष्ठान की इस कड़ी में महाराष्ट्र के बच्चे भी शामिल होंगे, जो भगवान रामलला को गीत रामायण का पाठ सुनाएंगे. वहीं, तमिलनाडु से आने वाले 500 राम भक्त लोक कल्याण, विश्व शांति, और देश की समृद्धि के लिए 2 महीने तक भगवान रामलला के समक्ष विराट यज्ञ करेंगे. यह यज्ञ नवंबर और दिसंबर के महीनों में आयोजित होगा. राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि पूरे भारत से राम भक्त अयोध्या आकर भगवान राम को अपनी भक्ति के माध्यम से प्रसन्न करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अक्टूबर और नवंबर में महाराष्ट्र से बच्चे आकर अयोध्या में गीत रामायण का पाठ करेंगे. यह आयोजन रामलला के मंदिर के निकटतम स्थल पर किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि हर 15 दिन पर देश के विभिन्न हिस्सों से ढाई सौ महिलाएं अयोध्या आकर सामूहिक रूप से सुंदरकांड का पाठ करेंगी. यह क्रम निरंतर चलता रहेगा. साथ ही, तमिलनाडु से आने वाले 500 लोग अयोध्या में 2 महीने तक यज्ञ करेंगे, जो देश की सुख-समृद्धि और विश्व शांति के लिए आयोजित किया जाएगा.