भारत से मुकाबले को कुछ भी करेगा! अपना गुजारा मुश्किल, पर मालदीव को मदद देगा पाक…
दिवालिया होने की कगार पर खड़ा पाकिस्तान अब मालदीव को आर्थिक मदद करने चला है। भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान ने मालदीव के जख्मों पर मरहम लगाने की…
दिवालिया होने की कगार पर खड़ा पाकिस्तान अब मालदीव को आर्थिक मदद करने चला है।
भारी आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान ने मालदीव के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश की है। मालदीव विवाद के बाद भारत ने मालदीव को आवंटित वित्तीय सहायता में कटौती कर दी है।
अंतरिम बजट पेश करने दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि भारत अब मालदीव को 600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
इस ऐलान के बाद पाकिस्तान ने मालदीव को आर्थिक मदद करने का आश्वासन दिया है।
सोचने वाली बात है कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जो आईएमएफ से लेकर चीन, यूएई और सऊदी अरब के सामने हाथ फैला चुका है, क्या वह अब मालदीव की मदद करने के काबिल भी है? जिसका खुद का घर नहीं चल रहा वह दूसरों की मदद क्या ही करेगा! मगर भारत के काउंटर में पाकिस्तान कुछ भी करने को तैयार है। पाकिस्तान का कहना है कि वह मालदीव के साथ खड़ा है और वह मालदीव के विकास में भी मदद करेगा।
पाकिस्तान ने दिया मालदीव को मदद का आश्वासन
रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार के प्रमुख अनवर-उल-हक काकर ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को फोन किया।
दोनों के बीच कुछ देर तक बातचीत हुई। दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। पीटीआई के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने मालदीव को मदद देने का वादा किया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मालदीव के विकास के लिए आर्थिक मदद भी देगा। मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में पाकिस्तानी राष्ट्रपति के आश्वासन की जानकारी दी गई।
दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को कैसे मजबूत किया जाए इस पर चर्चा हुई।
पाकिस्तान ने कब-कब दिया मालदीव का साथ
पाकिस्तान ने हिंद महासागर क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए मालदीव द्वारा उठाए गए सभी कदमों का भी समर्थन किया है।
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय का बयान भी यही दावा करता है। मालदीव और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध 26 जुलाई 1966 को स्थापित हुए थे।
दोनों देश फिलहाल चीन के करीबी माने जाते हैं। चीन, पाकिस्तान और मालदीव को पैसों से मदद करता है। मालदीव के हाल ही में निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू चीन समर्थक हैं।
सत्ता में आने के बाद उन्होंने चीन से भी यात्रा की। राष्ट्रपति बनते ही मुइज्जू ने भारत से मालदीव की धरती से सेना हटाने को कहा।
भारत ने की आवंटन में कटौती
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया। बजट में मालदीव को भारत की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि में इस साल कटौती की जा रही है।
मालदीव के लिए आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत कम कर दिया गया है।
भारत ने 2023-24 के बजट में मालदीव के लिए 770.90 करोड़ रुपये आवंटित किए। 2024-25 के अंतरिम बजट में यह राशि 600 करोड़ रुपये कर दी गई है।