पीएम नरेंद्र मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया, बोले- रूस-यूक्रेन बिना समय गंवाए बात शुरू करें

कीव ।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय पोलैंड की यात्रा के बाद यूक्रेन के दौरे पर हैं। वह स्पेशल रेल फोर्स वन से शुक्रवार को कीव पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति…

पीएम नरेंद्र मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया, बोले- रूस-यूक्रेन बिना समय गंवाए बात शुरू करें

कीव ।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय पोलैंड की यात्रा के बाद यूक्रेन के दौरे पर हैं। वह स्पेशल रेल फोर्स वन से शुक्रवार को कीव पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने मैरिंस्की पैलेस में करीब तीन घंटे बैठक की। भारत और यूक्रेन के बीच मानवीय सहायता, खेती, मेडिसिन और कल्चरल को-ऑपरेशन को बढ़ाने पर समझौता हुआ। इससे पहले दोनों नेता यूक्रेन के नेशनल म्यूजियम पहुंचे। उन्होंने युद्ध में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों के मेमोरियल पर डॉल रखी।इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रेन से भारतीय समयानुसार सुबह 10 बजे कीव पहुंचे। यहां भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका जोरो-शोर से वेलकम किया। पीएम ने फोमिन बोटैनिकल गार्डन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है

वोलोदिमिर जेलेंस्की से बातचीत के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि युद्ध में भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है। उन्होंने कहा, भारत और यूक्रेन के रिश्तों के लिए आज ऐतिहासिक दिन है। पहली बार भारत का कोई पीएम यूक्रेन पहुंचा है। कल (शनिवार) यूक्रेन का राष्ट्रीय दिवस है। हम इसकी बधाई देते हैं और शांति की कामना करते हैं।

बातचीत और कूटनीति से हल होती है समस्या

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि युद्ध से समस्या का समाधान नहीं निकलता है। यह बातचीत और कूटनीति से हल होती है। रूस और यूक्रेन आपस में बातचीत करें। उन्होंने कहा, 'शांति के प्रयास में भारत प्रमुख भूमिका निभाएगा युद्ध बच्चों के लिए खतरनाक है।'

यूक्रेन के राष्ट्रपति का आभार किया प्रकट

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब युद्ध के शुरुआती दिन थे, तब यूक्रेन ने भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में मदद की थी। मैं संकट के इस समय में आपकी मदद के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं।

उन्होंने कहा, 'दुनिया जानती है कि युद्ध के दौरान भारत ने दो भूमिका निभाई थीं। पहली मानवीय दृष्टिकोण की भूमिका थी।' मैं विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जो जरूरत होगी, उसके लिए भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा।