महिला अधिवक्ता से फेसबुक फ्रेंड ने की 37 लाख  की ठगी भिलाई नगर थाने में मामला दर्ज

भिलाई। महिला अधिवक्ता से फेसबुक के दोस्त द्वारा 37 लख रुपए की ठगी की गई। विदेश यात्रा का हवाला देकर विश्वास में लिया इसके बाद बैंक मैनेजर एवं आरबीआई के…

महिला अधिवक्ता से फेसबुक फ्रेंड ने की 37 लाख  की ठगी भिलाई नगर थाने में मामला दर्ज

भिलाई। महिला अधिवक्ता से फेसबुक के दोस्त द्वारा 37 लख रुपए की ठगी की गई। विदेश यात्रा का हवाला देकर विश्वास में लिया इसके बाद बैंक मैनेजर एवं आरबीआई के पात्र को आधार बनाकर ठगी की। भिलाई नगर पुलिस ने बताया कि प्रार्थी श्रीमती सरिता पति पीके सिंह उम्र-41 वर्ष पेशे से अधिवक्ता है। माह अप्रेल 2024 में श्रीमती सरिता का परिचय एक अनजान व्यक्ति डक्टर नेल्सन जेकित से फेसबुक के माध्यम से हुआ था । उसके पश्चात उक्त परिचय मित्रता में परिवर्तित हो गया, इसी मित्रता के दौरान डॉ नेल्सन ने व्हाट्सअप नंबर मांगा, श्रीमती सरिता ने प्रदाय भी किया तथा व्हाट्सअप के माध्यम से दोनों के मध्य चेटिंग एवं वाईस कालिंग हुई । श्रीमती सरिता ने डक्टरी पेशे से प्रभावित होकर उनसे मित्रता कायम रखी थी । बातचीत में डॉ नेल्सन ने बताया कि विदेश यात्रा पर ओमान जा रहा हूँ, जिसकी फ्लाईट टिकट भी श्रीमती सरिता को व्हाट्सअप किया । इस दौरान डॉ नेल्सन ने बैंक एकाउंट एक्सेस नहीं होने की जानकारी दी। कुछ रूपो की मांग की जिसे श्रीमती सरिता के द्वारा पूर्ण किया गया। फिर डॉ नेल्सन ने भावनात्मक रूप से मदद मांगते हुए 6 लाख रूपये की डिमांड की जिसे श्रीमती सरिता ने पूर्ण किया इसके बाद रुपए मांगने का सिलसिला डॉक्टर नेल्सन ने जारी रखते हुए कई किस्तों में अधिवक्ता से कुल 37 लाख रुपए प्राप्त किए। इस दौरान ठग डॉक्टर नेल्सन के द्वारा महिला को रुपए वापसी का भारत पहुंचने पर वादा किया। देश पहुंचने पर अधिवक्ता को डॉक्टर नेल्सन ने एक ए.टी.एम. भेजा और कहा कि धीरे धीरे में पैसा चुकता कर दूंगा. उन्होनें बताया कि उनके ए.टी.एम. में 4 करोड़ रूपये हैं, परंतु रुपए प्रति के लिए कुछ टैक्स प्रदान करना होगा, श्रीमती सरिता ने डॉक्टर द्वारा दिए गए ए.टी.एम. को 13 अगस्त 2024 को सिविक सेंटर भिलाई मे चेक किया तो उसमें बैलेंस न्यूनतम था, उन्होनें मेरा मेल आई.डी. पूछा तथा कहा कि आपको बैंक द्वारा मेल किया जायेगा, उस बैंक ईमेल में लिखा था, यदि मैं उनको 30 लाख रूपये का भुगतान करने पर उस ए.टी.एम. की पात्रता होगी, इसके अलावा अधिवक्ता को धमकाया गया कि भुगतान नहीं करने की स्थिति में इसकी शिकायत इंटरपोल से की जायेगी, विश्वास दिलाने के लिए बैंक मैनेजर से अधिवक्ता की बात कराई। इस दौरान अधिवक्ता से कम से कम 10 लाख रूपये जमा करना होगा, बाकि बैंक मैनेजर 10 लाख स्वयं जमा करेगा, तथा ड नेल्सन 10 लाख रूपये जमा करेगें । बैंक मैनेजर ने श्रीमती सरिता को बताया कि डॉक्टर नेल्सन ने 10 लाख रूपये के जगह केवल 5 लाख रूपये जमा किया है, पूरा उन्होनें प्रेशर बनाकर श्रीमती सरिता से दो लाख रूपये ले लिये । उनके ए.टी.एम. को जब चेक किया तो उसमें से केवल 5,000/-रूपये विड्रोल हुए। पुनः आठ लाख पचास हजार रूपये की मांग करने लगे तथा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का एक पत्र भी भेजे। जिसमें आठ लाख पचास हजार रूपये की मांग थी। तब अधिवक्ता को एहसास हुआ कि उसे ठगा जा रहा है। तब अधिवक्ता ने कल भिलाई नगर थाने पहुंचकर डॉ नेल्सन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई इस पर भिलाई नगर पुलिस के द्वारा आरोपी डॉक्टर नेल्सन के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।