पशुपतिनाथ का विग्रह है पंचमुखी महादेव मंदिर, दर्शन मात्र से द्वादश ज्योतिर्लिंग के फल होते हैं प्राप्त

सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माना जाता है. पूरे माह भक्त भगवान शिव के दर्शन करते हैं और विशेष पूजन का आयोजन भी कराते हैं.…

पशुपतिनाथ का विग्रह है पंचमुखी महादेव मंदिर, दर्शन मात्र से द्वादश ज्योतिर्लिंग के फल होते हैं प्राप्त

सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष माना जाता है. पूरे माह भक्त भगवान शिव के दर्शन करते हैं और विशेष पूजन का आयोजन भी कराते हैं. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के बरियाघाट में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर की विशेष मान्यता है.

इस मंदिर से जुड़ी मान्यता यह है कि यहां दर्शन करने मात्र से भक्तों को द्वादश ज्योतिर्लिंग का फल प्राप्त होता है. सावन माह में इस मंदिर में विशेष पूजन का आयोजन होता. दूर-दूर से भक्त भगवान भोले के पंचमुखी अवतार के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं.

द्वादश ज्योतिर्लिंग के फल की होती है प्राप्ति
मंदिर के पुजारी विपिन ने बताया कि यह मंदिर 550 वर्षों से भी अधिक पुराना है. इसे नेपाली बाबा द्वारा स्थापित किया गया था. कहा जाता है कि नेपाली बाबा के स्वप्न में भगवान पशुपतिनाथ ने दर्शन दिया था. इसके बाद मिर्जापुर के बरियाघाट में विग्रह स्थापित करने के लिए कहा गया. इसके बाद राजाओं ने स्थान खोजने के लिए सैन्य टुकड़ी भेजी. स्थान चिन्हित होने के बाद बरियाघाट पर पंचमुखी महादेव की स्थापना की गई. उन्होंने बताया कि जो भक्त द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं, वे पंचमुखी महादेव मंदिर में जल अर्पित कर सकते हैं. यहां दर्शन मात्र से ही द्वादश ज्योतिर्लिंग का फल प्राप्त होता है. पुजारी ने यह भी बताया कि यहां दर्शन करने से भक्तों की मुरादें पूरी होती है.

दर्शन के बाद पूर्ण हो जाती है मनोकामना

श्रद्धालु प्रीति सिंह ने बताया कि हर वर्ष सावन माह में दर्शन के लिए आते हैं. प्रीति सिंह के अनुसार भगवान में बड़ी शक्ति है और यहां दर्शन मात्र से ही हर मनोकामना पूरी हो जाती है. ममता पांडेय ने बताया कि उनके दादा भी यहां दर्शन के लिए आते थे और अब खुद आ रही हैं. यहां की शक्ति से उनकी हर मनोकामना पूरी हुई है. सावन माह में विशेष अनुष्ठान और रुद्राभिषेक यजमानों द्वारा आयोजित कराया जाता है.