छत्तीसगढ़-रायपुर में ‘दिव्य कला मेला’ में पहुंचे सीएम विष्णुदेव साय, हीरा ने अपने हाथों से बनाई पैरा शिल्प पोर्ट्रेट की भेंट

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित बीटीआई ग्राउंड शंकर नगर में 'दिव्य कला मेला' की शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मेला में रायपुर के कलाकार हीरा धृतलहरे…

छत्तीसगढ़-रायपुर में ‘दिव्य कला मेला’ में पहुंचे सीएम विष्णुदेव साय, हीरा ने अपने हाथों से बनाई पैरा शिल्प पोर्ट्रेट की भेंट

रायपुर.

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित बीटीआई ग्राउंड शंकर नगर में 'दिव्य कला मेला' की शुरुआत हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मेला में रायपुर के कलाकार हीरा धृतलहरे ने अपने हाथों से बनाई पैरा शिल्प पोर्ट्रेट भेंट की। हीरा की भेंट पाकर मुख्यमंत्री ने उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने हीरा धृतलहरे से कहा कि उनके पास पैरा शिल्प स्केच बनाने का अनूठा हुनर है और खूब अभ्यास कर इसको निखारना चाहिए।

सीएम साय ने कहा कि प्रैक्टिस से परफेक्शन आता है, उसकी बारीकियां पता चलती है। लगातार प्रैक्टिस करके वो एक अच्छी शिल्पी बनकर देश-दुनिया में अपना और अपने प्रदेश का नाम रोशन कर सकती है। बता दें कि इस मेले में देशभर के दिव्यांग उद्यमियों कारीगरों के उत्पादों और शिल्प कौशल को प्रदर्शित किया गया है। यह मेला दिव्यांगजनों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक अनूठी पहल है। यह मेला 16 अगस्त से 22 अगस्त 2024 तक आयोजित की जाएगी। यह मेला देशभर के दिव्यांग उद्यमियों कारीगरों के उत्पादों और शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने वाला एक अनूठा कार्यक्रम होगा। यह कार्यक्रम लोगों के लिए एक रोमांचक अनुभव प्रस्तुत करेगा। इस मेले में जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर राज्यों के उत्पादों हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई का काम और पैकेज्ड फूड आदि सहित देश के विभिन्न हिस्सों के जीवंत उत्पाद एक साथ देख सकते हैं। रायपुर में यह 7 दिवसीय ‘‘दिव्य कला मेला‘‘ सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहेगा। इस मेले में लगभग 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 100 दिव्यांग कारीगर कलाकार और उद्यमी अपने उत्पादों और कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से गृह सज्जा और जीवन शैली, कपड़े, स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद, पैकेज्ड फूड और ऑर्गेनिक उत्पाद, खिलौने और उपहार, व्यक्तिगत सहायक उपकरण, आभूषण, क्लच वेग आदि उत्पाद प्रदर्शित किये गये हैं। इसके साथ ही दिव्यांगों को स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें लोन मेले के माध्यम से राज्य की चैनलाइजिंग एजेंसियों की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। दिव्यांगों के हुनर जैसे संगीत, नृत्य, नाटक के कौशल को प्रोत्साहित के लिए दिव्य कला शक्ति का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।